khortha lok katha | खोरठा लोक कथा अँधरा बुझल बाँका खीर
“अँधरा धरा बुझल बाँका खीर” एक मार्मिक लोककथा है जो खोरठा भाषा में रची गई है। यह कहानी दो विशेष पात्रों – एक अंधे व्यक्ति और एक लंगड़े व्यक्ति – की गहरी दोस्ती, आपसी समझ और भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती है। दोनों की शारीरिक सीमाएं उन्हें एक-दूसरे के पूरक बना देती हैं, और उनका साथ …
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