folk litrature | लोक साहित्य का परिचय

लोक साहित्य (folk litrature) वह मौखिक अभिव्यक्ति है, जो भले ही किसी व्यक्ति ने गढ़ी पर आज जिसे सामान्य लोक समूह अपना मानता है और जिसमें लोक की युग-युगीन वाणी, साधना समाहित रहती है, जिसमें लोक मानस प्रतिविम्बित रहता है। वास्तव में लोक साहित्य लोक जीवन की अभिव्यक्ति है। लोक साहित्य (folk litrature)लोक जीवन से …

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importance of folk literature | लोक साहित्य का विशेषता और महत्व

लोक साहित्य वह मौखिक अभिव्यक्ति है, जो भले ही किसी व्यक्ति ने गढ़ी पर आज जिसे सामान्य लोक समूह अपना मानता है और जिसमें लोक की युग-युगीन वाणी, साधना समाहित रहती है, जिसमें लोक मानस प्रतिविम्बित रहता है। वास्तव में लोक साहित्य लोक जीवन की अभिव्यक्ति है। लोक साहित्य लोक जीवन से घनिष्ठ संबंध रखता …

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Baba Tanginath Dham jharkhand | विश्व विख्यात बाबा टांगी नाथ धाम का रहस्य

बाबा टांगी नाथ धाम (Baba Tanginath Dham jharkhand) झारखंड के घने जंगल पहाड़ो के  बीच ऐसे अद्भुत आश्चर्य चकित करने वाले प्राचीन पुरातात्विक स्थल स्थित है, जिस का रहस्य  आज तक नहीं सुलझाया जा सका है। उनमें से एक है, विश्व प्रसिद्ध टांगीनाथ धाम। झारखंड के गुमला जिला, डुमरी प्रखंड स्थित मंझगांव में भगवान परशुराम …

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अंतर्राष्ट्रीय संगठन का स्थापना /मुख्यालय/प्रमुख/सदस्य संख्या | international organization

अंतरराष्ट्रीय संगठन या संस्था (International organization) विश्व के देशों के द्वारा आपसी समझौता या संधियों के आधार पर अंतर्राष्ट्रीय विधि के अनुसार बनाया गया संगठन होता है। संगठनों के द्वारा जिस हित के लिए बनाया जाता है, उसका  सभी सदस्य देश मिलकर समस्याओं का समाधान अंतरराष्ट्रीय स्तर पर करते हैं। जैसे अंतरराष्ट्रीय शांति सुरक्षा व्यवस्था …

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Rugda | रुगडा या फुटको | झारखंड के स्वादिस्ट व्यंजन रुगडा / फुटको

  झारखंड प्रकृति की गोद में बसा एक ऐसा राज्य है जहां प्रकृति ने झारखंड को कई उपहार दिए हैं; उसमें से एक है जंगली उत्पाद, रुगडा (Rugda) /फुटको। बरसात के मौसम प्रारंभ होने के साथ जंगलों में रगड़ा मिलना प्रारंभ हो जाता है। इसे जंगली मशरूम भी कहा जाता है इसका वैज्ञानिक नाम लाईपन …

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खोरठा भाषा का नामकरण | khortha Bhasha ka Namkarn

खोरठा भाषा झारखण्ड प्रान्त के उस भाषा विशेष का बोध कराता है, जो उतरी छोटानागपुर, पलामू ओर संथाल परगना के पन्द्रह जिलों के लोगों की मातृभाषा है। साथ ही झारखण्ड में सदियों से सदान और आदिवासी साथ-साथ रहते आये हैं, उनके बीच सम्पर्क भाषा के रूप में खोरठा भाषा महत्वपूर्ण है। क्योंकि मनुष्य सामाजिक प्राणी …

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khortha  basha ka samash | खोरठा भाषा का समास

khortha  basha ka samash खोरठा भाषा का समास खोरठा भाषा का समास (khortha  basha ka samash ):-  वइसन सबदेक कहज जाहे जे दु बा दु से बेसी सबदेक जोड़नार बा नाता गोता से नावा सबद बा बेस अरथ रखे वाला सबदेक कहल जा हइ। समास के भेदः-समास के खोरठांञ सात भेद पावल जाहइ- 1. ततपुरूस …

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list of president of india in hindi : भारत के रास्ट्रपतियों की सूचि (1950 से 2022)

भारत में संसदीय शासन व्यवस्था की स्थापना की गई है, जिसका प्रमुख राष्ट्रपति होता है। ब्रिटेन की साम्राज्ञी की तरह भारत का राष्ट्रपति देश का औपचारिक प्रमुख होता है। रास्ट्रपति के कार्यों को सहायता प्रदान करने के लिए मंत्रिमंडल का गठन किया जाता है, जिसका प्रमुख प्रधानमंत्री होता है। संघ की वास्तविक शक्ति संघ मंत्रिमंडल …

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Importance of Khortha Folk Literature: खोरठा लोक साहित्य का महत्व

खोरठा लोक साहित्य का महत्व (Importance of Khortha Folk Literature):  देश, काल, परिस्थितियाँ, वातावरण, रीति-रिवाज एवं विधि-विधानों का स्वरूप वहाँ के लोक साहित्य में ही दिखाई देता है। अतीत की घटनाओं, आदिम मानव की प्राचीनतम रूपरेखाओं एवं उसके यथार्थ रूप को जानने में, जहाँ इतिहास के पृष्ठ भी मूक हो जाते हैं, शिलालेख खुदाई आदि …

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KHORTHA BHASHA KE KARAK | खोरठा  भाषा के कारक

खोरठा  भाषा के कारक (KHORTHA BHASHA KE KARAK) खोरठा भाषा  कारक के  परिभाषा क्या है ? संगिआ आर सरबनामेक वइसन रूप के  कहल जा हे जेकर से बाइक केआरो-आरो सबदेक मांझे नाता गोतर के पता चल-हे। जइसे – इ बाइक देखा – राममारलइ कपरा खुन बहल पुलिस अइला पकड़े ले गेला, उ जेल भागल।इ बाइक से …

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