फलो में संतरा (ORANGE) का महत्वपूर्ण स्थान है। यह साइट्रिक फ्रूट की श्रेणी में आता है, जिसे दिमाग को ताजगी देने वाला विटामिन सी का भंडार प्रचुर मात्रा में होता है । इसमें beta-carotene की भी काफी मात्रा होती है. जिसके कारण स्वास्थ्य एवं अनेक रोगों के उपचार के लिए संतरे का प्रयोग किया जाता है । उपवास के दौरान आमरण अनशन के दौरान आंसर की समाप्ति के उपरांत संतरे (ORANGE) का रस से ही होती है महात्मा गांधी के द्वारा कई वार किए गए आमरण अनशन की समाप्ति के उपरांत संतरे के जूस पिलाकर ही समाप्त की जाती थी सिद्ध होता है संतरे का रस अथवा संतरे में ऐसे अनेक पौष्टिक तत्वों से भरपूर है जिसे शरीर की कमजोरी दूर होकर शरीर में एक नया तेज और ऊर्जा उत्पन्न होती है ।आयुर्वेद के महत्वपूर्ण ग्रंथ भव प्रकाश में संतरे को खट्टा मीठा फल बताया गया है. इस ग्रंथ में इस फल को पाचन शक्ति बढ़ाने स्नायु विकारों का नाम जिगर के रोगों को समाप्त करने और एक नया तेज ऊर्जा उत्पन्न करने वाला फल बताया गया है।

भारत में संतरे की खेती सबसे ज्यादा तेलंगाना,आंध्रप्रदेश , महाराष्ट्र ,मध्य प्रदेश और कर्नाटक में होती है । भारत में लगभग 42. 29 लाखटन संतरे का उत्पादन किया जाता है । सबसे मशहूर और लोकप्रिय संतरा नागपुरी संतरा है जो अपने स्वाद के लिए विश्व प्रसिद्ध है ।
संतरे (ORANGE) का फायदा | Orange fruits Benefits
संतरे विटामिन से भरपूर फल है, जिसमें जीवन रक्षा विटामिन C,A B और कैल्शियम , खनिज इतनी अधिक मात्रा में पाई जाती है जिसे शरीर के लिए महत्वपूर्ण पोस्टिक आहार माना जाता है । कैल्शियम की मात्रा इसमें अन्य सभी फलों से अधिक होती है ।इस के अतिरिक्त सोडियम,पोटैशियम ,मैग्नीशियम, कॉपर और क्लोरीन की मात्रा भी अधिक रहती है।. संतरे का जूस का प्रयोग करने के बाद ही इसके सभी महत्वपूर्ण तत्व रक्त में मिल जाते हैं और शरीर को एक नई ऊर्जा प्रदान होती है । संतरा में पाए जाने वाले पोषक तत्व इस प्रकार है-
100 ग्राम खाने योग संतरा (ORANGE) में निम्नलिखित पोषक तत्व पाए जाते हैं-
पानी | 87.6% | विटामिन सी | 30 मिलीग्राम |
प्रोटीन | 0.7% | आयरन | 0.3 मिलीग्राम |
वसा | 0.2% | फास्फोरस | 20 मिलीग्राम |
खनिज | 0.3% | कैल्शियम | 26 मिलीग्राम |
रैसे | 0.3% | कार्बोहाइड्रेट | 10.9% |
संतरा (ORANGE)स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद है orange health benefits
संतरे (ORANGE) का प्रयोग विभिन्न रोगों में किया जा सकता है और इन लोगों से शरीर को सुरक्षा प्रदान की जा सकती है जैसे-
कब्ज-नियमित रूप से कुछ दिनों तक संतरे का जूस सुबह-शाम लेने से शौच खुलकर होने लगता है । आंत और पेट बिल्कुल साफ हो जाते हैं और समस्या समाप्त हो जाती है। रात्रि में सोने से पूर्व संतरे को छीलकर खाएं तो प्रातः काल शौच आराम पूर्वक हो जाती है।
मलेरिया-दो नारंगी के छिलके 300 ग्राम पानी में उबालें और जब पानी आधा रह जाए तो उसे छानकर गुनगुने भी जाने से मलेरिया जैसी बीमारी से काफी राहत होता ।
हृदय रोगियों के लिए-जो हृदय रोग से पीड़ित है उन्हें चाहिए कि एक कप नारंगी के रस में दो चम्मच शहद मिलाकर पीने से हृदय की शक्ति प्राप्त होती है । और इसका नियमित सेवन करने से हृदय रोग दूर हो जाता है।
मुहासा- मुंहासे होने पर नारंगी के छिलके पीसकर चेहरे पर लगाने से मुंहासे साफ हो जाते हैं।
भूख न लगना-भूख ना लगना जैसी समस्याओं से निजात पाने के लिए नारंगी का रस 3 गुने पानी में मिलाकर पीने से भूख लगने लगती है।
विभिन्न प्रकार के ज्वार में नारंगी का उपयोग-
किसी भी प्रकार का ज्वार होने के बाद व्यक्ति अत्यंत कमजोर हो चुके होते हैं, यदि उन्हें संतरे का रस थोड़ी-थोड़ी मात्रा में दिया जाए तो उनके शरीर बेस्ट पोस्टर होना शुरू हो जाता है । शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ जाती है और और उज्जवल से जल्दी छुटकारा मिल जाता है।
इनफ्लुएंजा -इनफ्लुएंजा बीमारी बीमारी यदि फ़ैल रही है तो संतरे (ORANGE) का नियमित रूप से प्रयोग करने पर व्यक्ति उस महामारी से बच सकता है।
किडनी रोग या गुर्दा रोग- गुर्दे के रोग भी यदि प्रातः काल कुछ खाने से पहले दो संतरे खाकर थोड़ा गर्म पानी पिए अथवा संतरे के रस का प्रयोग करें तो उसे गुर्दे के रोग से छुटकारा मिल जाता है।
सर्दी खांसी –सर्दी खांसी होने पर गर्मी में ठंडे पानी के साथ और सर्दी में गर्म पानी के साथ संतरे का रस पीने से लाभ होता है खांसी जुकाम होने पर नारंगी (ORANGE) के रस का निमित्त पीने से काफी लाभ होता है।
बच्चों के लिए-बच्चे को नियमित रूप से मीठी नारंगी (ORANGE) का रस पिलाते रहने से सर्दी की ऋतु में कोई भी बीमारी नहीं होती है। रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ती जाती है।
गर्भावस्था मैं महिलाओं को संतरे का सेवन करना चाहिए-
यदि गर्भवती स्त्री नियमित गर्भावस्था के दौरान दोपहर के समय में दो संतरे खाती है तो उसके सारिक शक्ति बढ़ जाती है और होने वाला बच्चा भी स्वस्थ और सुंदर होता है।
जोड़ों के दर्द-
संतरे (ORANGE) का रस जोड़ों के दर्द और उसमें सूजन हो जाने पर काफी राम सिद्ध होता है। संतरे के रस का प्रयोग करते रहने से श्री का रक्त शुद्ध रहता है ।
अपचय – संतरे (ORANGE) को शंकर काला नमक और शॉट लगाकर खाने से आज की स्थिति दूर हो जाती है
दांतो और हड्डियों के लिए –संतरे में कैल्शियम और विटामिन सी की काफी मात्रा में होने के कारण इसका उपयोग हड्डियों और दातों के रोगों में किया जाता है। नियमित रूप से संतरे का प्रयोग करने से दांतों और हड्डियों के लिए काफी आराम दे साबित होता है।
संतरे का छिलका मक्खी और मच्छर भगाने में उपयोग
संतरे के छिलकों को सुखाकर, घर में जलाने से घर में बतिया और मच्छर भाग जाते हैं और घर की वायु शुद्ध होती है। जब तक संतरे के छिलके का सुगंधित धुआंधार में फैलता रहेगा मक्खी और मच्छर दूर रहेंगे।
बच्चों के लिए बलवर्धक-
छोटे बच्चे के लिए संतरे (ORANGE) का रस एक आदर्श भोजन माना जाता है। खास करके वैसे बच्चे जो माता का दूध नहीं पीते हैं ऐसे बच्चे को प्रतिदिन एक कप संतरे का रस पिलाने से उसके शरीर की हड्डियों का विकास ठीक से होने लगता है हड्डियां मजबूत होती है।
सूखा रोग रिकेट्स रोग वाले बच्चों को संतरे का रस उसके शरीर को पुष्ट करने में सहायक होता है ऐसे बच्चे को नियमित रूप से संतरे (ORANGE)का रस अवश्य खिलाना चाहिए।
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