विगत वर्षो से यह पत्रिका का डिजिटल प्रकाशन anandlink.com वेबसाईट पर अनवरत प्रक्रिया चल रही है उससे सुखद अनुभूति स्वाभाविक है। खोरठा भाषा के विकास में यह पत्रिका मील का पत्थर साबित होगी । हमें खेद है की खोरठा टाइम का यह अंक विलंब से आप सबों को मिल रहा है, क्योंकि जहां पाठकों का लगाव पत्रिका के साथ दिन प्रतिदिन लगातार बढ़ रहा है ,वहीं खोरठा भाषा के लेखकों एवं बुद्धिजीवियों का समर्थन अभी भी पत्रिका को नहीं मिल रहा है. पत्रिका में छपने लायक सामग्री के उपलब्ध नहीं होने के कारण आपकी पत्रिका समय पर नहीं छप सका। खोरठा भाषा के सभी माननीय लेखकों, रचनाकारों एवं बुद्धिजीवियों से नम्र निवेदन है कि अपनी कलम की ताकत को समझें और खोरठा भाषा के विकास में अपना भागीदारी अवश्य दें । मैं सभी खोरठा भाषा भाषी बंधुओं से निवेदन करता हूं कि वे प्रत्येक माह पत्रिका एवं उसमें छपे लेखों के बारे में अपनी प्रतिक्रिया जरुर दें जिसे हमें की जिससे कि हम आपकी पत्रिका को और बेहतर बनाने का प्रयास कर सके और पत्रिका को आपके पास लाने में शामिल लोगों का हौसला बना रहे ।
संपादक
डॉ. आनन्द किशोर दांगी
खोरठा टाइम्स पत्रिका अंक-03
खोरठा टाइम्स पत्रिका अंक 1 और 2 पढ़ने के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक करें
खोरठा टाइम्स पत्रिका अंक 1 |
खोरठा टाइम्स पत्रिका अंक 2 |
झारखंड की बोली ,भाषा संस्कृति के बचावे में खोरठा टाइम्स पत्रिका के योगदान आवे वाला पीढ़ी सभीन से ही पता चलते मगुर अखन प्रो आनंद जी के करल मेहनत यार परयास के सराहना दिए के समय लागे ,सहयोग करे के समय लागे । हम पत्रिका के अगुआ के संपादक के सब दिन जै निहर उम्मीद करता ,चाहता है तैयार ही ।
हमर हार्दिक शुभकामनाएं है।