KHORTHA

झारखंडी भाषा साहित्य एवं संस्कृति पर ग्रंथ – लेखन एवं शोध – प्रकाशन की अनवरत प्रक्रियाएँ चल रही है उससे सुखद अनुभूति स्वाभाविक है। खास कर खोरठा भाषा (Khortha bhasa) साहित्य पर जो काम हो रहे हैं उससे लगता है कि खोरठा भाषा की व्यापकता और उपादेयता में वृद्धि हो रही है। इसी को ध्यान में रखकर JPSC, JSSC, JTET, झारखंड पुलिस एवं अन्य प्रतियोगिता परीक्षा इत्यादि को ध्यान में रखकर खोरठा भाषा से पूछे जाने वाले प्रश्नों प्रश्नों को तैयार किया गया है।

khortha vachy | खोरठा वाच्य

  खोरठा वाच्य (khortha vachy )- वाच्य क्रिया के वेसन बदलल रूप के कहल जा हे, जेकर से उस बात के पछान बा पता चाले कि वाक्य में कर्ता, कर्म बा भाव में  केकर प्रधानता हइ । खोरठा वाच्य (khortha vachy ) की परिभाषा- क्रिया के वेसन बदलाव के कहल जा हे ,जेकर से कर्ता …

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Folk song | लोकगीत |लोकगीत परिभाषा महत्त्व वर्गीकरण

लोकगीत  (Folk song) लोक सहित्य का अभिन अंग है, जो गेय रूप में पीढ़ी दर पीढ़ी मोखिक रूप में चलते आ रही है। जिन्हें कोई एक व्यक्ति नहीं बल्कि पूरा लोक समाज गाता है और अपनाता है। सामान्यतः लोक में प्रचलित, लोक द्वारा रचित एवं लोक के लिए लिखे गए गीतों को लोकगीत कहा जा …

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खोरठा लोक कथा बूढी और नाती |बुढ़ी आर ओकर नाती | BUDHI OR NATI

एगो गाँवे एगो बुढी रह- हली । ओकर बेटा – पुतोहु तो नाइ रहथिन खाली एगो सोना लखें नाती रहइ । नातीक उमइर एहे . छोउ – सात बछर हतइ । ऊ बुढ़ी रोइज बोन से पतइ – दोइतन , झुरी – काठी आर बोन से कंद – मुल आनतली आर ओकरे से गुजर – …

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लोक कथा सात भाई और बहन

khortha lok katha saat bhai or bahan | खोरठा लोक कथा सात भाइ एक बहिन

खोरठा भाषा क्षेत्र में अनेक खोरठा लोक कथा है,जो यंहा की भाषा संस्कृति की पहचान है। जिस कारण झारखण्ड में आयोजित प्रतोयोगिता में शामिल किया गया है। यंहा सात भाई और बहन (saat bhai or bahan)की लोक कथा खोरठा भासा में दिया गया है। इस कहानी में भाई और बहन का प्यार ,भाभियो के द्वारा …

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Dr.ANAND KISHOR DANGI

Khortha Times Patrika 03 | खोरठा टाइम्स पत्रिका अंक-03

विगत वर्षो से यह पत्रिका का डिजिटल प्रकाशन anandlink.com वेबसाईट पर अनवरत प्रक्रिया चल रही है उससे सुखद अनुभूति स्वाभाविक है। खोरठा  भाषा के विकास में यह  पत्रिका मील का पत्थर  साबित  होगी । हमें खेद है की खोरठा  टाइम का  यह  अंक विलंब से आप सबों को मिल रहा है, क्योंकि जहां पाठकों का …

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Khortha Times Patrika | खोरठा टाइम्स पत्रिका अंक-02

संपादक की कलम से खोरठा भाषा का डिजिटल  मासिक पत्रिका ‘खोरठा टाइम्स (Khortha Times Patrika)’अक्तूबर 2022(दूसरा अंक ) आपके  सामने  प्रस्तुत है . प्रथम  अंक में आप सबों  का भरपूर प्यार एवं  स्नेह  मिला है. खोरठा  टाइम्स  परिवार  इसके  लिए  आप  सबों को  आभार प्रकट करता है. उम्मीद है, कि  आने  वाले  अंको  में भी …

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kahavat| lokokti | लोकोक्ति |कहावत

खोरठा भाषा के  कहावत (लोकोक्ति) का विभिन्न रूप मिलता है (हिन्दी में) ‘‘कहावत (लोकोक्ति) (kahavat)जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है, पहले बोलचाल की भाषा में बनती है, रूढ़ होती है, फिर वही अनेक बार अपनी लोकप्रियता के कारण साहित्य की भाषा में भी अपना आसन जमा लेती है। किन्तु साहित्य में आते-आते लोकोक्ति को …

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Khortha Times Patrika | खोरठा टाइम्स पत्रिका 01

खोरठा टाइम्स पत्रिका – 01 झारखंडी भाषा साहित्य एवं संस्कृति पर ग्रंथ – लेखन एवं शोध – प्रकाशन की अनवरत प्रक्रियाएँ चल रही है इससे सुखद अनुभूति होना स्वाभाविक है। खास कर खोरठा भाषा साहित्य पर जो कार्य हो रहे हैं, उससे लगता है कि खोरठा भाषा की व्यापकता और उपादेयता में वृद्धि हो रही …

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importance of folk literature | लोक साहित्य का विशेषता और महत्व

लोक साहित्य वह मौखिक अभिव्यक्ति है, जो भले ही किसी व्यक्ति ने गढ़ी पर आज जिसे सामान्य लोक समूह अपना मानता है और जिसमें लोक की युग-युगीन वाणी, साधना समाहित रहती है, जिसमें लोक मानस प्रतिविम्बित रहता है। वास्तव में लोक साहित्य लोक जीवन की अभिव्यक्ति है। लोक साहित्य लोक जीवन से घनिष्ठ संबंध रखता …

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खोरठा भाषा का नामकरण | khortha Bhasha ka Namkarn

खोरठा भाषा झारखण्ड प्रान्त के उस भाषा विशेष का बोध कराता है, जो उतरी छोटानागपुर, पलामू ओर संथाल परगना के पन्द्रह जिलों के लोगों की मातृभाषा है। साथ ही झारखण्ड में सदियों से सदान और आदिवासी साथ-साथ रहते आये हैं, उनके बीच सम्पर्क भाषा के रूप में खोरठा भाषा महत्वपूर्ण है। क्योंकि मनुष्य सामाजिक प्राणी …

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