खोरठा लोककथा, सोहराई पर्व, फुचु और फुदनी | khortha lok katha sohraie ke prtap
खोरठा लोककथा: सोहराएक परताप : लोककथाएं किसी भी समाज की सांस्कृतिक स्मृति होती हैं। यह कथाएं न केवल मनोरंजन करती हैं, बल्कि सामाजिक-सांस्कृतिक मूल्यों को भी पीढ़ी दर पीढ़ी संप्रेषित करती हैं। खोरठा लोककथाओं की यह परंपरा भी अत्यंत समृद्ध है। प्रस्तुत कथा “सोहराएक परताप” एक ऐसी मार्मिक प्रेमकथा है जो प्रेम, लोकविश्वास और जीवन …
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