KHORTHA BHASHA KE KARAK | खोरठा  भाषा के कारक

खोरठा  भाषा के कारक (KHORTHA BHASHA KE KARAK)
 खोरठा भाषा  कारक के  परिभाषा क्या है ?

संगिआ आर सरबनामेक वइसन रूप के  कहल जा हे जेकर से बाइक केआरो-आरो सबदेक मांझे नाता गोतर के पता चल-हे। जइसे – इ बाइक देखा – राममारलइ कपरा खुन बहल पुलिस अइला पकड़े ले गेला, उ जेल भागल।इ बाइक से कोन्हो भाव बेस लखे फरीछइ नांञ हवत हे जोदि एकरा कारकीय रूप लिख के ई लखे कहल जाइ तो भाव फरीछ भइ जेतइ-
‘‘राम के मारलइ कपरा से खुन बहल!
पुलिस आइला पकड़ के ले
गला, उ जेल से भागल।
खोरठा भासाक विद्वान ए. के. झा खोरठा सहित सदानेक वेआकरनें लिखल हथ कि हिन्दी रकम खोरठांञ करकीय रूप पावल जा हे, मकिन एकर आपन विभक्ति हइ .

khorta vyakarn or rachan
खोरठा व्याकरण : डॉ आनंद किशोर दांगी

खोरठा भाषा के कारक(KHORTHA BHASHA KE KARAK) चिह्न क्या है ?

क्र.सकारकहिन्दी कारक चिह्न

 

(Hindi bhasha ke karak)

खोरठा के कारक चिह्न(khortha bhasha ke karak)

 

 

खोरठा बाइक
1कर्ताने0 (शून्य)

 

एं

राम कहलए,

 

रामे कहलइ

बापें कहलइ

2कर्म कोके

 

राम मोहनेक मारलइ

 

हम तोहरा कहलइ

हम तोहरो कहलइ

3 करणसेसे

 

एं

ञ्

लाठी  से पिटलक

 

लाठी पिटलइ

कोरांञ्  गिरलइ

4समप्रदान-के, लिए-ले

 

लिए-लाइ/लागिन

खातिर

राम ले घर गेल

 

राम लागिन

 

राम खातिर

5आपादान –सेले/सेरुखे से छउआ गिरलइ

 

फेड ले पतइ गिरलय

6संबंध – का, के, कीक/का/कर रामेक फोलटेन।

 

रामकर कलम

7अधिकरण –में, परएं/वांएरामें कहलय
8संबोधन –हे, हो, अरेएहो/एगो/अगेरामा हो/एहो काका!

खोरठा  भाषा कारक के चिन्हों की  विशेषता :-(KHORTHA BHASHA KE KARAK CHINH) 

1. कर्ता – (ने) – करता कारक माने जे कोन्हो किरिआ कर हे जइसे –
राम ने कहा = रामे कहलक
खोरठा 0 (शून्य) विभक्ति लग हइ = राम कहलइसिखरिआ छेतरें एं विभक्ति लगवेक परचलन हइ – बापे कहलइ (बाप ने कहा)
कर्ता कारकें ए विभक्ति लगा हइ = रामे कहलइ (राम ने कहा)
2. कर्म (से) – बाइक के क्रिआक कल जोन सबद पर पड़ हे उकरा करम कारम कहल जा हइ – राम ने श्याम को पीटा – राम श्यामेक पिटलइ, विभक्ति के लगो हइ = राम श्यामेक पिटलइ करम सरबनाम रहे से संबंधकारकीय आ, ओ विभक्ति -हाम तोहरा
कहलिओं ( मैंने आपको कहा)
3. करन (से) – बाइकें जिस सबद से किरिआक संबंध के बोध हव हे – हाम कलमें लिखो हे।
घ् विभक्ति 0/ञ्/से/चल हइ- लाठी पीटलइ, कारांञ् कांदो हइ, सोटांञ्
पिटलइ से विभक्ति = लाठी से पिटलइ
4. सम्प्रदान (को /के/लिए) – लाइ/लागिन/खाति – जेकर लाइ कुछ करल जाइ जइसे- हमर लाइ/लागिन/खातिर गेलइ।
5. आपादान कारक – ले/से – स्ंगिआ जे रूप से कोन्हो वसतु के अलग हवक भाव परगट हव हे उकरा आपादान कहल जाइ/ गाछ ले पतइ गिरल/ गाछ से पलइ गिरलइ।
6. संबंध कारक – क/कर/केर – संगिआ आर सरबनाम के जे रूप से कोन्हो सबदेक लसतंगा बा लगाव बुझाइक तो उकरा सबंध कारक कहल जा हइ, जइसे – हमनिक आपन घर हइ, गाय कर घी।
7. अधिकरण – 0/एं – क्रिआ के सूचना देवे वाला संगिआ आर सरबनाम ,अधिकरण कहल जा हे। तेहर घरें पानी हो, वाहरे बइठल हथू।
8. संबोधन – एहो/अहो/हो/अरे – एहो काका हिंञ् आउ, गो माइ।
गो माइ,
एनी असबा हे,
ए गो सुना,
हम नाञ् जाइ पारबो गोइ।

इसे भी पढ़े

संज्ञा
सर्वनाम

विशेषण

किरिया

कारक

लिंग वचन

 

 

कारक के कउन विभक्तिए शुन्य रहो हइः-

(1) कर्ता (2)कर्म (3)करण (4) सम्प्रदाय
उतर -1

संबंध कारक के चिन्ह नाज् हइः-

(1)का (2)के (3)की (4)को
उतर -1

दामोदरेक कोरोञ इ वाइके कोरोञ कउन विभक्ति
हइः-

(1)अपादान (2)संबंध (3) अधिकरण (4)संबो
उतर -2

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