JHARKHAND

कोल जनजाति (Kol Tribe)

Kol Tribe of Jharkhand | झारखंड की कोल जनजाति का इतिहास और वर्तमान स्थिति

कोल जनजाति Kol Tribe : ऐतिहासिक मान्यता एवं सामाजिक स्थिति कोल जनजाति (Kol Tribe) को भारत सरकार द्वारा 8 जनवरी 2003 को झारखंड राज्य के 32वें अनुसूचित जनजाति (Scheduled Tribe) के रूप में आधिकारिक मान्यता दी गई। यह समुदाय झारखंड के संथाल परगना एवं उत्तरी छोटानागपुर प्रमंडल के दुमका, देवघर, गिरिडीह आदि जिलों में विशेष …

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झारखंड की कंवर जनजाति | Kanwar Tribe of Jharkhand

झारखंड की कंवर जनजाति | Kanwar Tribe of Jharkhand

झारखंड की कंवर जनजाति | Kanwar Tribe of Jharkhand : झारखंड की जनजातीय संरचना में कंवर (Kanwar) जनजाति एक नये स्वरूप में सामने आई है। लंबे समय तक चले संघर्ष के बाद भारत सरकार ने 28 जनवरी 2003 को कंवर समुदाय को अनुसूचित जनजाति की सूची में 31वें स्थान पर शामिल किया। कंवर जनजाति Kanwar …

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bathuni tribe

झारखण्ड की बाथुड़ी जनजाति | Bathudi Tribe of Jharkhand

झारखण्ड की बाथुड़ी जनजाति (Bathudi Tribe);- झारखण्ड की अल्पसंख्यक और विशिष्ट जनजातियों में   महत्वपूर्ण स्थान है। इनकी जनसंख्या सीमित है, लेकिन सांस्कृतिक दृष्टि से यह समुदाय अद्वितीय है। बाथुड़ी  (Bathudi)मुख्य रूप से पूर्वी सिंहभूम जिले के पहाड़ी क्षेत्रों और घाटशिला अनुमंडल में, विशेष रूप से स्वर्णरेखा नदी के आसपास निवास करते हैं। उड़ीसा राज्य में …

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Baiga tribe of Jharkhand | झारखंड की बैगा जनजाति : संस्कृति, जीवनशैली और सामाजिक पहचान

भारत विविधता से परिपूर्ण देश है, जहां विभिन्न जनजातियाँ अपनी अनूठी सांस्कृतिक परंपराओं, रहन-सहन, भाषा और विश्वास के साथ देश की पहचान को समृद्ध करती हैं। इन्हीं जनजातियों में से एक है बैगा जनजाति (Baiga tribe), जो मुख्य रूप से झारखंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा, मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और पश्चिम बंगाल जैसे राज्यों में निवास करती है। इनकी …

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kora tribe | झारखंड की कोरा जनजाति : संस्कृति, जीवनशैली और परंपराएं

झारखंड की विकसित जनजातियों में कोरा जनजाति kora tribe का विशेष स्थान है। कोरा जनजाति मुख्य रूप से धनबाद, बोकारो और संथाल परगना क्षेत्रों में निवास करती है। इनकी आबादी झारखंड के अलावा ओड़िशा और पश्चिम बंगाल में भी पाई जाती है। इतिहासकार रिजले के अनुसार, कोरा मूलतः मुंडा वंश के ही वंशज माने जाते …

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किसान जनजाति: संस्कृति एवं संगठन | kisan Tribe: Culture and Organization

किसान जनजाति भारत के प्रमुख जनजाति है जो भारत के पश्चिम बंगाल उड़ीसा झारखंड इत्यादि राज्यों में निवास करते हैं इसके अलावे भारत के पड़ोसी देश नेपाल में भी पाए जाते हैं । किसान जनजाति के पलामू, लोहरदगा, राँची जिलों सहित महुआटांड, भंडरिया, नेतरहाट, विशुनपुर, चैनपुर, पालकोट आदि क्षेत्रों में निवास करती है।  किसान जनजातियों …

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kora janjati | कोरा जनजाति: इतिहास, संस्कृति और परंपराएँ | पूरी जानकारी

 झारखंड की एक प्रमुख जनजाति कोरा  अपेक्षाकृत रूप से अधिक विकसित मानी जाती हैं। यह समुदाय न केवल झारखंड, बल्कि ओडिशा और पश्चिम बंगाल में भी निवास करता है। झारखंड के धनबाद, बोकारो तथा संथाल परगना क्षेत्र को इनका प्रमुख निवास स्थान माना जाता है।कोरा जनजाति को प्रोटो-आस्ट्रेलायड समूह से संबंधित माना जाता है। इनका …

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बिथालाहा प्रथा

Bitlaha prtha | बिटलाहा’ प्रथा संथाल जनजाति की पारंपरिक न्याय व्यवस्था

Bitlaha prtha | बिटलाहा’ प्रथा संथाल जनजाति की पारंपरिक न्याय व्यवस्था में दिया जाने वाला एक अत्यंत कठोर सामाजिक दंड है, जिसके अंतर्गत दोषी व्यक्ति को समुदाय से पूर्णतः बहिष्कृत कर दिया जाता है। यह दंड किसी व्यक्ति द्वारा सामाजिक मर्यादाओं, रीति-नीतियों अथवा परंपरागत विधानों के गंभीर उल्लंघन पर दिया जाता है। बिठलाहा (Bitlaha) घोषित …

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बिथालाहा प्रथा

झारखंड के पारंपरिक शासन व्यवस्था Manjhi system मांझी परगना शासन व्यवस्था संथाल परगना क्षेत्र

संथाल भारत की एक प्रमुख जनजाति है, जो व्यवस्थित कृषि करने के लिए जानी जाती है। झारखंड की जनजातियों में संथालों की संख्या सबसे अधिक है, और उनका प्रमुख निवास क्षेत्र संथाल परगना माना जाता है। माना जाता है कि संथाल, झारखंड आने से पहले एक लंबे समय तक पश्चिम बंगाल में निवास करते थे, …

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karmali tribe in jharkhand | झारखंड के करमाली जनजातियों का सामान्य परिचय

झारखंड के जनजातियों में करमाली जनजाति (karmali tribe )परंपरागत तरीके से लोहे के कृषि औजार घरेलू उपकरण निर्माण के लिए जाना जाता है  लोहा गलाने का काम असुर, बिरजिया तथा लोहरा जनजाति भी करते हैं लेकिन करमाली उन लोहों से विभिन्न प्रकार के कृषि सम्बन्धी औजार के लिए विख्यात है। पुराने औजारों की मरम्मत करते …

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