Elephanta caves information in hindi|एलिफेंटा गुफा की सामान्य जानकारी

 

Elephanta caves photo

एलिफेंटा गुफा (elephanta caves) – मुम्बई शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर समुद्र तट धरापूरी  द्वीप पर स्थित एलिफेन्टा गुफा पौराणिक देवताओं की अत्यन्त भव्य मूर्तियों के लिए विख्यात है। एलीफैण्टा गुफाएँ शैव धर्म से सम्बन्धित हैं. भगवान शंकर की लीलाओं का चित्रांकन किया गया. इन मूर्तियों में त्रिमूर्ति शिव की मूसर्वाधिक लोकप्रिय है। एलिफेन्टा (elephanta caves mumbai) के गुहा मन्दिर राष्ट्रकूटों के समय  500 से 600 ई. के लगभग में बने। एलिफेन्टा की पहाड़ी में शैलोत्कीर्ण करके उमा महेश गुहा मन्दिर का निर्माण लगभग 8वीं शताब्दी में किया गया। भारत के इस प्राचीन धरोहर को यूनेस्कोर्ति  विश्व धरोहर की सूची में वर्ष 1987  में शामिल कर लिया गया है।यहाँ कुल सात गुफाएँ हैं, जिनमें पाँच हिन्दू और दो बौद्ध गुफाएँ हैं

एलिफेंटा गुफा (elephanta caves) की खोज –

एलिफेंटा गुफा की खोज पुर्तगालियों के द्वारा की गई थी ।पुर्तगालियों को 18वीं शताब्दी में यहाँ सबसे पहले हाथी की एक मूर्ति मिली थी, जिस पर ही इस स्थान का नाम एलिफैण्टा पडा.

एलिफेंटा गुफा (elephanta caves) कहां स्थित है-

एलिफेन्टा (elephanta caves mumbai) – मुम्बई शहर से लगभग 11 किलोमीटर दूर समुद्र तट धरापूरी  द्वीप पर स्थित है. मुंबई के जवाहरलाल नेहरू बंदरगाह से 2 किलोमीटर पश्चिम में स्थित इस दीप में सात गुफाएं हैं । (How to rech  elephanta caves -) इस गुफा तक यात्रियों के सुविधा हेतु घरेलू हवाई अड्डा, रेलवे लाइन , सड़क मार्ग एवं  नौका की सुविधा है , जो इन यातायातों की सहायता से गेटवे ऑफ इंडिया से (elephanta cavestiming) सुबह 9:00 बजे से 2:00 बजे तक सुविधा दी  जाती है.

एलिफेंटा गुफा का निर्माण-

  • एलिफेन्टा (elephanta caves mumbai) के गुहा मन्दिर का निर्माण पांचवी से सातवें शताब्दी के आसपास माना जाता है कुछ विद्वानों का मानना है की राष्ट्रकूटों के समय  500 से 600 ई. के लगभग में बने। दंत कथाओं के अनुसार इस गुफा का निर्माण पांडवों के द्वारा किया गया है ।

एलिफेंटा गुफा (elephanta caves) में प्राप्त मूर्तियां-

  1. अर्धनारीश्वर -5. 11 मी अर्धनारीश्वर की त्रिमूर्ति शिव के बाएं और अर्धनारी ईश्वर की मूर्ति है जो आधे शिव और आधे पार्वती का मिश्रण है ।
  2. गंगाधर-शिव द्वारा गंगा को धरती पर लाने वाली कहानी की मूर्ति जिसे गंगाधर के नाम से जाना जाता है । या मुक्ति त्रिमूर्ति शिव के बाएं और अर्धनारीश्वर है तथा त्रिमूर्ति के दाहिने और गंगाधर की मूर्तियां स्थित है
  3. शिव – अंधका की वध कथा- इस चित्र में शिव द्वारा अंध का रक्षा का वध करते हुए दिखाया गया है
  4. शिव पार्वती विवाह-शिव पार्वती का विवाह का चित्र इस गुफा में बहुत ही अनोखे ढंग से की गई है
  5. योगेश्वर की मूर्ति- एलिफेंटा गुफा में भगवान शिव के द्वारा योग करते हुए दिखाया गया है जिसे योगेश्वर की मूर्ति के नाम से जाना जाता है
  6. नटराज की मूर्ति-भगवान शिव के द्वारा नृत्य करते हुए पुत्री प्रवेश द्वार पर शिव की मूर्ति है जो पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो चुका है ।
  7. कैलाश पर्वत- एलिफेंटा की गुफा में कैलाश पर्वत पर शिव पार्वती का चित्र किया गया है और रावण द्वारा कैलाश पर्वत को हिलाते हुए इस चित्र में दिखाया गया है ।
  8. लिंग मंदिर-गुफा के अंदर शिवलिंग मंदिर स्थित है

एलिफेंटा गुफा के महत्वपूर्ण विशेषताएं | Elephanta caves information in hindi –

  • धरापूरी  द्वीप मैं निर्मित एलिफेंटा गुफा का क्षेत्रफल 5600 मी अर्थात 60,000 वर्ग फीट फैला हुआ है ।
  • यह दीप 2.4 किलोमीटर लंबा है और इस पहाड़ी की ऊंचाई लगभग 150 मीटर है यह गुफा दो पहाड़ियों से निर्मित है और दो पहाड़ियों को एक खाई अलग करती है
  • यहां तीन गांव स्थित है सेठ बंदर मोर बंदर और राज बंदर है ।
  • पूर्वी पहाड़ी गुफा में 6 से 7 गुफाएं निर्मित है जिसे सबसे अधिक पर्यटक देखने आते हैं, यहां दो बौद्ध टीले  भी है ।
  • महत्वपूर्ण गुफा पश्चिम पहाड़ी पर स्थित है जिसे गुफा संख्या एक कहा जाता है या महान गुफा के नाम से ही जाना जाता है
  • एलिफेंटा गुफा का निर्माण विशाल चट्टान को तरस कर बनाया गया है और इस गुफा में पौराणिक कथाओं का वर्णन किया गया है इसमें सबसे बड़ी मूर्ति सदाशिव की मूर्ति है ।
  • यहाँ कुल सात गुफाएँ हैं, जिनमें पाँच हिन्दू और दो बौद्ध गुफाएँ हैं
  • हिन्दू गुफाओं में सबसे महत्वपूर्ण मूर्ति गुफा है..
  • मुख्य गुफा में 26 स्तम्भ हैं, जिसमें शिव को कई रूपों में उकेरा गया है.
  • बेसाल्ट की पहाड़ियों को काटकर बनाई गई ये मूर्तियाँ दक्षिण भारतीय मूर्तिकला से प्रेरित हैं.
    इसका ऐतिहासिक नाम धारापुरी है, जो कोंकणी मौर्य की राजधानी थी.
  • प्राप्त जानकारी के अनुसार एलीफैण्टा नाम पुर्तगालियों की देन हैं.
  • पुर्तगालियों को 18वीं शताब्दी में यहाँ सबसे पहले हाथी की एक मूर्ति मिली थी, जिस पर ही इस स्थान का नाम एलिफैण्टा पडा.
  • एलीफैण्टा समूह में सात गुफाओं की खुदाई की गई थी और इनका समय छठी-सातवीं सदी ईस्वी के आसपास माना जाता है.
  •  उत्खनित गुफाओं में से गुफा संख्या 1 सबसे अधिक महत्वपूर्ण है और यह विकसित ब्राह्मणी शैलकृत वास्तुकला का प्रतिनिधित्व करती है.
  • इन भव्य गुफाओं में सातों मन्दिर भगवान शिव को समर्पित हैं.
  •  यहाँ भगवान शंकर की नौ बड़ी-बड़ी मूर्तियाँ हैं, जो शंकरजी के विभिन्न रूपों और क्रियाओं को दर्शाती हैं.
  • इनमें शिव की त्रिमूर्ति प्रतिमा सबसे आकर्षक है.
  • यहाँ की शिल्पकलाओं में शिव एवं पार्वती के विवाह का, रावण द्वारा कैलाश पर्वत को ले जाने, शिव- नटराज, अर्द्धनारीश्वर तथा पंचमुखी परमेश्वर रूप प्रमुख है.
  •  1987 में यूनेस्को द्वारा एलीफैण्टा गुफाओं को विश्व धरोहर घोषित किया गया.

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