नगर पालिका चुनाव में आदर्श आचार संहिता (Code of conduct in municipal elections) जिसे पालन करना अनिवार्य है.
भारत के संविधान के अनुच्छेद 243 य क एवं राज्य नगरपालिका अधिनियम की धरोओं के अंतर्गत निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए राज्य निर्वाचन आयोग निष्पक्ष स्वच्छ एवं शांतिपूर्ण नगरपालिका निर्वाचन हेतु यह आचार संहिता को लागू करती है । नगर निकायों के निर्वाचन की सफलता अभ्यार्थियों निर्वाचन अधिकारियों मतदाताओं सरकारी तंत्र तथा समान नागरिकों की अनुशासनात्मक एवं निष्पक्ष प्रवृत्तियों पर निर्भर करती है। नगर निकायों के निर्वाचन हेतु बनाए गए नियमों का पालन नहीं करने पर निर्वाचन प्रभावित होती है । इसे सुनिश्चित करने के उद्देश्य राज्य निर्वाचन आयोग नगर निकायों के निर्वाचन में भाग लेने वाले सभी अभ्यार्थियों, राजनीतिक दलों, मंत्रियों निर्वाचन अभिकर्ता, प्रशासनिक तंत्र एवं अन्य कर्मियों तथा स्थानीय निकाय के,अन्य सेवकों को निर्वाचन से संबंधित आदर्श आचार संहिता प्रस्तावित की जाती है, जिसे सभी के लिए पालन करना अनिवार्य होता है। निर्वाचन की घोषणा करते ही आदर्श आचार संहिता लागू मानी जाती है। यदि किसी भी स्तर से इसका उल्लंघन होता है तो वह निर्वाचन अपराध के रूप में माना जाता है।
अभ्यार्थियों के लिए सामान्य आचरण (code of conduct ) का पालन करना
- किसी भी अभ्यर्थियों को ऐसा कोई कार्य नहीं करना चाहिए जिससे किसी धर्म संप्रदाय प्याज जाति के लोगों की भावना को ठेस पहुंचे या तनाव उत्पन्न हो ।
- मत प्राप्त करने के लिए धार्मिक संप्रदाय जातीय या भाषाई भावनाओं का सहारा नहीं लिया जाना चाहिए।
- मंदिर मस्जिद गिरजाघर गुरुद्वारा आदि धार्मिक स्थलों का उपयोग निर्वाचन प्रचार के लिए नहीं किया जाना चाहिए।
- किसी अभ्यर्थी को व्यक्तिगत जीवन के ऐसे पहलुओं की आलोचना नहीं की जानी चाहिए जिनका संबंध उसके सार्वजनिक जीवन या क्रियाकलापों से ना हो और ना ही ऐसे आरोप लगाए जाने चाहिए इनकी सत्यता स्थापित ना हुई हो।
- प्रत्येक व्यक्ति को शांतिपूर्ण घरेलू जीवन के अधिकार का सम्मान किया जाना चाहिए । किसी व्यक्ति के कार्यों या विचारों का विरोध करने के लिए किसी अभ्यर्थी द्वारा ऐसे व्यक्ति के घर के सामने धरना देने नारेबाजी करने या प्रदर्शन करने जैसे तरीके का सहारा लेना अथवा ऐसी करवाई का कतई समर्थन नहीं किया जाना चाहिए।
- सभी अभ्यार्थियों को ऐसे सभी कार्यों से परहेज करना चाहिए जो निर्वाचन कानून के अंतर्गत अपराध हो जैसे-
|
- मतदान के 2 दिन पूर्व से लेकर मतदान के अगले दिन सुबह 7:00 बजे तक किसी अभ्यर्थी द्वारा ना तो शराब दी जाएगी ना तो शराब वितरण किया जाएगा प्रत्येक अभ्यर्थी द्वारा अपने कार्य कार्यकर्ताओं को भी ऐसा करने से रोका जाना चाहिए ।
- किसी भी अभ्यर्थी द्वारा किसी भी व्यक्ति की भूमि या दीवारों का उपयोग झंडा टांगने पोस्टर चिपकाने नारे लिखने आदि प्रचार कार्यों के लिए उसकी लिखित अनुमति के बगैर नहीं करना चाहिए ।
- किसी भी अभ्यर्थी द्वारा उसके पक्ष पर लगाए गए झंडे या पोस्टर दूसरे व्यक्ति के कार्यकर्ताओं द्वारा नहीं हटाया जाना चाहिए ,
- मतदाताओं को दी जाने वाली पश्चात पर्चियां सादे कागज पर होनी चाहिए और उन में अभ्यर्थी का नाम या चुनाव चीन नहीं होना चाहिए पर्ची में मतदाता का नाम उसके पिता पति का नाम वार्ड क्रम मतदान केंद्र क्रम तथा मतदान सूची उसके कर्म के अलावा और कोई कुछ नहीं लिखा होना चाहिए ।
- मतदान केंद्र मतगणना केंद्र पर अधिकृत अभिकर्ता ओं को बिना बैच या पहचान पत्र के प्रवेश हेतु अनुमति नहीं दी जानी चाहिए।
- सारी सरकारी अर्ध सरकारी उपक्रम या आयोग के भवन दीवार या चारदीवारी पर अभ्यार्थी द्वारा या उसके समर्थक या कार्यकर्ता द्वारा किसी तरह का पोस्ट किया सूचना नहीं चिपकाया जाना चाहिए और नहीं नारा बैनर का झंडा लटकाना चाहिए ।
सभा आयोजन के संबंध में आदर्श आचार संहिता (code of conduct in municipal elections)
- किसी हाट बाजार भीड़भाड़ वाले सार्वजनिक स्थल या ऐसे स्थल जहां पर चुनाव सभा आयोजित किया जाना है के आयोजन के लिए सक्षम पदाधिकारी से पूर्व अनुमति के उपरांत ही सभा का आयोजन किया जाना चाहिए तथा ऐसी सभा आयोजन के पूर्व स्थानीय पुलिस को सूचना देना अनिवार्य होता है ।
- प्रत्येक अभ्यर्थी को किसी अन्य अभ्यर्थी द्वारा आयोजित सभा में किसी प्रकार की गड़बड़ी करने के या बाधा डालने से अपने कार्यकर्ताओं तथा समर्थकों को रोकना चाहिए यदि दो भिन्न-भिन्न अभ्यर्थियों द्वारा पास पास ही स्थित स्थानों में सभा का आयोजन की जा रही हो तो लोउडी – स्पीकर विपरीत दिशा में रखे जाना चाहिए ।
जुलूस एवं प्रदर्शन के संबंध में आचार संहिता (code of conduct in municipal elections)
- प्रत्येक अभ्यर्थी को किसी अन्य अभ्यर्थी के पुतले लेकर चलने या उन्हें किसी सार्वजनिक स्थान पर जलाने तथा इसी प्रकार के अन्य प्रदर्शन का आयोजन करने पर कार्यकर्ताओं को रोकना चाहिए ,
- प्रत्येक अभ्यर्थी को किसी अन्य अभ्यर्थी द्वारा आयोजित जुलूस में किसी प्रकार की बाधा उत्पन्न करने से कार्यकर्ताओं या समर्थकों को रोकना चाहिए,
- किसी अभ्यर्थी के समर्थन में आयोजित जुलूस मार्ग से होकर नहीं निकलना चाहिए । जुलूस के निकालने के स्थान समय और मार्ग तथा समापन के स्थान के बारे में स्थानीय पुलिस को सूचना दिए बिना नहीं किया जाना चाहिए । इस संबंध में स्थानीय पुलिस को कम से कम 1 दिन पूर्व सूचना दी जानी चाहिए ।
- अभ्यार्थी को चाहिए कि वह अपने जुलूस उन्हीं मार्ग से ले जाएं जिसके लिए उन्हें पूर्व से अनुमति ली हो ।
- जुलूस को यथासंभव सड़क की दाएं और रखा जाए तथा कर्तव्य पर उपस्थित पुलिस पदाधिकारी कर्मी के निर्देश एवं सुझाव का आवश्यक पालन करते रहना चाहिए ।
- यदि दो या अधिक अध्यक्षों द्वारा एक ही मार्ग पर एक ही समय जुलूस के आयोजन का प्रस्ताव हो तो संबंधित आयोजक एक दूसरे से समन्वय स्थापित कर यह व्यवस्था सुनिश्चित करें कि जुलूस आपस में नहीं भेजें और नहीं यातायात बाधित हो ।
मतदान के दिन सभी अभ्यर्थियों द्वारा अनुपालन किए जाने वाले आदर्श आचार संहिता(code of conduct in municipal elections)
|
सरकारी विभागों एवं कर्मियों के लिए आदर्श आचार संहिता(code of conduct in municipal elections)
- निर्वाचन की घोषणा की तारीख से निर्वाचन समाप्त होने तक राज सरकार के किसी भी विभाग या उपक्रम द्वारा ऐसे कोई आदेश पारित नहीं किया जाए जिसे चुनाव के समय संचालन में बाधा उपस्थित हो जैसे ब्रह्मचारी ओं का स्थानांतरण या चुनाव की सूची का और निष्पक्षता प्रभावित हो जैसे किसी क्षेत्र या वर्ग के मतदाताओं को लाभ पहुंचाने के लिए किसी सुविधा या छूट देना या किसी नई योजना या कार्य के लिए स्वीकृति जारी करना,
- नगर पालिका निर्वाचन के प्रत्यक्ष संचालन से संबंधित अधिकारियों यथा जिला निर्वाचन पदाधिकारी जिला उप निर्वाचन अधिकारी निर्वाचित पदाधिकारी सहायक निर्वाचित पदाधिकारी का अंतरण नहीं किया जाएगा,
- सरकारी कर्मचारियों को चुनाव में बिल्कुल निष्पक्ष रहना चाहिए,
- चुनाव के दौरान यदि कोई मंत्री निजी मकान पर आयोजित किसी कार्यक्रम का आमंत्रण स्वीकार कर ले तो किसी सरकारी कर्मचारी को उसमें शामिल नहीं होना चाहिए ,
- साधारण सा चुनाव के समय जो भी आम सभा आयोजित की जाए उसे चुनाव संबंधी सभा माना जाना चाहिए और उस पर कोई सरकारी बैन ही किया जाना चाहिए ऐसी सभा में पूर्ण कर्मचारियों को छोड़कर जिन्हें ऐसी सभा का आयोजन में कानून एवं व्यवस्था बनाए रखने या सुरक्षा के लिए तैनात किया गया हो अन्य कर्मचारियों को शामिल नहीं होना चाहिए ,
- निर्वाचन की घोषणा किए जाने के समय से मंत्री गण और अन्य अधिकारी पूर्व नगरपालिका क्षेत्रों में जहां निर्वाचन संपन्न कराए जा रहे हैं वहां निम्न कार्य नहीं करेंगे-
- किसी रूप में किसी भी के अनुदान की घोषणा या आश्वासन,
- किसी प्रकार की परियोजना या योजना का शिलान्यास,
- सड़कों के निर्माण पेयजल सुविधा आदि की व्यवस्था का कोई आश्वासन,
नगर पालिका के पदाधिकारियों एवं कर्मचारियों के लिए आदर्श आचार संहिता (code of conduct in municipal elections)
|
आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन करने पर दंड का प्रावधान (code of conduct in municipal elections)
- निर्वाचन के सिलसिले में वर्गों के बीच शत्रुता बढ़ाने पर 3 वर्ष का कारावास या जुर्माना या दोनों,
- मतदान की समाप्ति के लिए नियत समय के पूर्व के 48 घंटे की अवधि के दौरान आम सभा करने पर 2 वर्ष तक के कारावास या जुर्माना या दोनों,
- निर्वाचन सभा में बाधा उत्पन्न करने पर 6 माह तक कारावास या ₹2000 की जुर्माना,
- पुस्तिकाओं पोस्टरों आदि के मुख्य भाग पर मुक्तक और उसके प्रशासक के नाम और पता बिना अंकित किए गए मुद्रण पर पर 6 माह के कारावास या ₹2000 की जुर्माना या दोनों,
- निर्वाचन में अधिकारी आदि द्वारा अभ्यर्थियों के लिए कार्य किए जाने पर 6 माह तक के कारावास या जुर्माना या दोनों
- मतदान केंद्रों में या उसके नजदीक प्रचार करने पर ₹500 तक जुर्माना,
- मतदान केंद्रों में या उसके लेगी अभद्र आचरण करने पर 3 माह तक के कारावास या जुर्माना या दोनों
- मतदान केंद्र पर गलत आचरण करने पर 3 माह तक का कारावास या जुर्माना या दोनों,
- निर्वाचन में वाहनों को अवैध रूप से किराए पर लेने या उपयोग करने के लिए 3 माह तक का कारावास या जुर्माना क्या दोनों दंडी है,
- मतदान केंद्रों में या उसके नजदीक शस्त्र लेकर जाने पर 2 वर्ष तक का कारावास क्या जुर्माने से या दोनों दंडनीय है
- मतदान केंद्रों से मतपत्र को हटाने पर 1 वर्ष का कारावास या ₹500 तक का जुर्माना या दोनों,
- मतदान केंद्र पर कब्जा करने पर 1 वर्ष से 5 वर्ष तक का कठोर कारावास,
- अगर कोई व्यक्ति चुनाव कार्य में किसी व्यक्ति को प्रभावित करने के लिए किसी तरह का पर लोग हर यार ईश्वर देता है तो उसे 1 साल की सजा या जुर्माना या दोनों दंड दिया जा सकता है,
- अगर कोई व्यक्ति चुनाव को प्रभावित करने के लिए किसी को धमकी देता है या अन्य तरह से उसे गलत ढंग से प्रभावित करता है तो उसे 1 साल की सजा या जुर्माना या दोनों दंड किया जा सकता है,
- अगर कोई व्यक्ति किसी दूसरे व्यक्ति के बदले मतदान करता है तो 1 साल की सजा या जुर्माना या दोनों दंड,
—– स्रोत नगरपालिका निर्वाचन अधिनियम 2022 23
इसे भी पढ़ें
झारखंड में महापषणकालीन (मेगालिथ) स्थल चतरा के घने जंगलों में मिला है
https://anandlink.com/wp-admin/post.php?post=2145&action=edit&classic-editor