How to take care of your skin in hindi : किसी भी मनुष्य का चेहरा सौन्दर्य और स्वास्थ्य का दर्पण होता है। युवतियां, किशोरियां, प्रौढ़ सभी अपने चेहरे को सजा- संवरा रखने की हरदम कोशिश करते हैं। परन्तु फिर भी चेहरा अपने प्राकृतिक गुणों को खोकर कई व्याधियों से ग्रस्त हो जाता है। जिसे चेहरे पर झुरिया ग्रुप इत्यादि चेहरे पर नजर आने लगते हैं । यदि सही समय पर इसका देखभाल (care of your skin) नहीं किया जाए तो आज समय बुढ़ापे का संकेत चेहरा देने लगता है । इसलिए अपनी त्वचा का सफाई और कोमलता के लिये प्रतिदिन त्वचा की देखभाल करना आवश्यक है। प्रतिदिन की देखभाल से (care of your skin) असमय का बुढ़ापा रोका जा सकता है और त्वचा को स्वस्थ व जवान बनाये रखा जा सकता है।
मनुष्य की त्वचा का प्रकार
मनुष्यों के त्वचा चार प्रकार होती है जो निम्न है :-
1. शुष्क त्वचा– यह त्वचा देखने में सूखी और खिचंवादार होती है। ऐसी त्वचा वाले चेहरे पर सूखे धब्बे और माथे तथा गालों पर झुर्रियां दिखाई देती हैं।
2. तैलीय त्वचा-इस प्रकार की त्वचा का चेहरा चिकना और चमकदार दिखाई देता है। इस त्वचा पर ब्लैक हैड्स और धब्बे तथा मुंहासे जल्दी हो जाते हैं।
3. संवेदनशील त्वचा-इस प्रकार की त्वचा पर मौसम और प्रसाधन सामग्री का प्रभाव जल्दी पड़ता है। अधिक सर्दी या धूप में त्वचा जल्दी ही लाल पड़ जाती है।
4. मिश्रित त्वचा- किस प्रकार की त्वचा में ऊपर के तीनों प्रकार के गुण पाए जाते हैं ।इस प्रकार की त्वचा वाले चेहरे में माथे, नाक और ठोढ़ी के पास के स्थान पर तैलीय त्वचा और गालों पर शुष्क त्वचा होती है। तैलीय त्वचा का भाग टी-जोन वाला भाग कहलाता है। इस जोन पर दाग धब्बे अधिक हो जाते हैं।
शुष्क त्वचा की देखभाल हम कैसे करें
यह त्वचा बहुत ही नाजुक होती है। इसकी देखभाल बहुत सावधानी से करनी पड़ती है, जिससे इस त्वचा में खिंचाव न आने पाये। ऐसी त्वचा का देखभाल किस प्रकार हम कर सकते हैं-
क्लीजिंग- सबसे पहले क्लींजिंग क्रीम उंगलियों से चेहरे पर हल्के-हल्के मलते हुये हुये लगा लें। अगर उंगलियों से यह क्रीम पूरे चेहरे पर न फैल पाये तो इसे हथेली से फैला दें। इसके बाद टिश्यू पेपर ले या गीली रूई से क्रीम पोंछ दें और फिर वही क्रिया (क्रीम लगाना व हटाना) दोहरायें। क्रीम लगाने और पोंछने का क्रम चेहरे से गर्दन की तरफ उतरते हुये होना चाहिये।
टोनिंग- क्लीजिंग क्रीम को पूरी तरह चेहरे से पोंछ देने के बाद अल्कोहल रहित टोनर का प्रयोग करें। टोनर के रुप में फूल या मिनरल वाटर या दोनों को इस्तेमाल किया जा सकता है। इसे चेहरे पर हल्के सी गीली रूई से फैला दें और फिर इसे पोंछें नहीं, बल्कि पूरे चेहरे पर टिश्यू पेपर फैला दें और हल्के से थपथपा कर सुखा दें।
मायश्चराइजर -नियमित रुप से प्रातः काल मायश्चराइजर चेहरे पर लगायें।
तैलीय त्वचा की देखभाल कैसे करें
क्लींजर- क्लींजर पूरे चेहरे पर मल कर न लगायें बल्कि हल्के हाथ से टी-जोन पर या पूरे चेहरे पर दो बार लगायें। गीली रूई या टिश्यू पेपर की सहायता से क्लींजर पोंछ दें। पोंछते समय निचले होंठ या ठोढ़ी के बीच के भाग को और नथुनों के दोनों तरफ के भाग को अच्छी तरह पोंछ दें।
टोनिंग- यदि त्वचा अधिक तैलयुक्त है, तो अल्कोहल युक्त टोनर का प्रयोग किया जा सकता है, इस त्वचा पर पानी से धोकर साफ करने वाला क्लींजर लगाने की आवश्यकता होती है।
मायश्चराइजर – मायश्चराइजर तैलीय चेहरे की त्वचा पर, तैल युक्त भागों पर मायश्चराइजर लगाना आवश्यक नहीं है। इस प्रकार की त्वचा के लिये विशेष रुप से निर्मित मायश्चराइजरों का प्रयोग ही करना चाहिये।
संवेदनशील त्वचा की देखभाल कैसे करें
इस प्रकार की त्वचा के लिये क्लीजिंग, मायश्चराइजर आदि उत्पादनों को चुनने में सावधानी बरतनी चाहिये।
क्लींजिंग- इस प्रकार की त्वचा को दिन में दो या तीन बार तैलीय त्वचा वाले क्लींजिंग से साफ करना चाहिये। मुहासों, ब्लैक हैड्स अधिक हों तो उन्हें हटाने के लिये उपकरणों का इस्तेमाल न करें। अगर कम मात्रा में हों तो सावधानीपूर्वक उनकी सफाई का यत्न करें। चेहरे की त्वचा को नरम बनाने के लिये गर्म पानी की भाप चेहरे पर ली जा सकती है या गर्म पानी से स्नान किया जा सकता है। सर्जिकल स्प्रिट से या एंटीसेप्टिक घोल से मुंहासे व ब्लैक हैड्स से प्रभावित भाग को संक्रमण रहित बनाया जा सकता है। उंगलियों पर टिश्यू पेपर लपेटकर हल्के हाथ से ब्लैक हैड्स या मुंहासों को दबाकर निकाला जा सकता है। न निकलने पर जबरदस्ती न करें। डॉक्टर का परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
टोनिंग- अगर दाग-धब्बों की समस्या न हो तो फ्रेशनर का प्रयोग किया जा सकता है। इस प्रकार की त्वचा के लिए मिनरल वाटर, गुलाबजल या फूलों का जल प्रयोग करना लाभप्रद होता है।
मायश्चराइजर – मायश्चराइजर चेहरे के शुष्क भाग पर ही केवल मायश्चराइजर का प्रयोग करें। यह गर्दन, आंखों के आसपास का भाग और गालों का भाग हो सकता है।
मिश्रित त्वचा की देखभाल
कुछ शुष्क और कुछ तैलीय भाग से युक्त मिली-जुली त्वचा की सफाई भी अलग तरह से की जाती है। शुष्क भाग की त्वचा की, तैलीय भाग की त्वचा से भिन्न तरीके से देखभाल की जाती है।
क्लींजिंग- शुष्क और तैली भाग को अलग-अलग क्लींजर से साफ करें। आवश्यकता हो तो तैलीय भाग की दो बार क्लींजर से सफाई कर सकते हैं।
टोनिंग- शुष्क और तैलीय त्वचा पर समान रूप से टोनिंग प्रयोग किया जा सकता है। पूरे चेहरे के लिये अल्कोहलरहित टोनर का प्रयोग करना चाहिये। मायश्चराइजर चेहरे से शुष्क त्वचा वाले भाग पर क्रीम मायश्चराइजर लगायें। चेहरे के तैलीय भाग पर इसे लगाने की जरूरत नहीं, पर अगर टोनिंग के पश्चात् त्वचा में खिंचाव महसूस हो तो तैलीय त्वचा के लिये निर्मित लोशन लगाया जा सकता है।
उपरोक्त बताएंगे विधियों के द्वारा स्वस्थ त्वचा के लिए त्वचा संवेदनशील त्वचा और मिश्रित त्वचा का देखभाल कर अपने सौंदर्य को बनाए रखा जा सकता है । यह एक सुझाव है बेहतर त्वचा स्वास्थ्य के लिए अच्छे ब्यूटीशियन या अच्छे सौंदर्य पर साधन का उपयोग कर लाभ उठा सकते हैं । यदि त्वचा संबंधी किसी प्रकार की बीमारी है तो उपरोक्त वीडियो का प्रयोग करने के पहले डॉक्टर से परामर्श जरूर करे ।
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