BANASO MANDIR JHARKHAND | महामाया वगेश्वरी मन्दिर झारखण्ड

BANASO MANDIR JHARKHAND

बेरमो बोकारो गांधीनगर थाना क्षेत्र के जारंगडीह, स्थित बनासो मंदिर जो महामाया बागेश्वरी देवी को समर्पित है। यह मंदिर प्राचीन एवं पौराणिक है। झारखंड राज्य का एक आस्था का केंद्र बना हुआ है। ऐसा माना जाता है कि यहां आने वाले सभी भक्तजनों का मनोकामना पूर्ण होती है। सच्चे मन से मांगी गई हर मुराद पूरी होती है। कोई भी खाली हाथ नही लौटता है। इस आस्था के कारण सालों भर मन्दिर में सर्द्धालुओ की भीड़ लगी रहती है। महामाया बागेश्वरी देवी को समर्पित मंदिर प्राचीन एवं पौराणिक मंदिर है। मंदिर का जीर्णोद्धार कर नवनिर्मित बड़े मंदिर का निर्माण कराया गया है और श्रद्धालुओं को भीड़ भाड़ को देखते हुए आसपास परिसर को साफ सुथरा टाइल्स  मार्बल इत्यादि लगा दी गई है। छठ महापर्व के अवसर पर मंदिर के सटे तालाब में काफी भीड़ रहती है। छठ महापर्व को करने के लिए दूरदराज से लोग यहां आते हैं। दुर्गा पूजा के अवसर पर  मंदिर में काफी भीड़ रहती है। नवमी के दिन बली बकरा देने के लिए तांता लगा रहता है। जिस कारण विजय दशमी और नवमी नवमी के दिन यहां काफी भीड़ रहती है। पुलिस प्रशासन के द्वारा विधि व्यवस्था बनाने के लिए पुलिस बल भी तैनात किए जाते हैं।

बनासो मंदिर ( BANASO MANDIR JHARKHAND ) कैसे पहुंचे

यहाँ आने के लिए बोकारो भया गोमिया विसनुगढ़ मार्ग या हज़ारीबाग भया विसनुगढ़, बगोदर मार्ग पर विसनुगढ़ से 7 किलोमीटर गोमिया जाने वाले मार्ग पर बेरमो गाँधीनगर थाना क्षेत्र के जारंगडीह गाँव मे मंदिर स्थित है।

मन्दिर में विवाह, मुंडन विशेष रूप से की जाती है। महामाया वागेश्वरी देवी परिवारिक देवी है। परिवारिक, सामाजिक समस्याओं का समाधान बहुत जल्द होता है। इन इलाकों में एक परम्परा या माता के प्रति आस्था विश्वास बन गयी है की हर किसी के घर जन्म लेने वाले बच्चे नाती, नतनी, पोता पोती सभी का आखरी मुंडन बनासो मंदिर में करना अनिवार्य है। मुंडन करने के लिए बकरा बाली देना अनिवार्य है। शाकाहारी लोगो के लिए अनिवार्य बकरा बलि अनिवार्य नही है।दिए गए बकरा बलि को गाँव के सभी लोगो या अपने हित कुटुंब को खिलाना  होता है ।

बनासो मंदिर (BANASO MANDIR JHARKHAND) का प्राकृतिक सौंदर्य

मन्दिर मंदिर प्राकृतिक छटा एवं आस्था का अद्भुत संगम है। यहां होने वाली विशेष आरती, मंगल पूजा एवं दुर्गा पूजा नवरात्रि में भक्तों की लंबी लाइन लगी रहती है। झारखंड का प्रत्येक क्षेत्र प्रकृति की गोद में बसा है मंदिर के आसपास प्रकृति प्रेमियों के लिए काफी आकर्षण का केंद्र बना रहता है यहां एक और रेलवे लाइन बनासो से सटी पहाड़ियां और दूसरी और तालाब, नदी की कलकल करती धारा लोगों को आकर्षित करती है।

मंदिर काफी पुरानी है और आसपास लोगों में इस मंदिर के प्रति आस्था भी अधिक है वर्तमान समय में मंदिर की आस्था विश्वास दूर-दूर तक फैल चुकी है और राज्यों के अलावा दूसरे राज्यों से भी लोग इस मंदिर में माता का दर्शन और अपनी मनोकामना पूर्ण करने की लालसा में यहां सालों भर आया करते हैं। इस मार्ग से गुजरने वाले यात्री एक बार माता के दर्शन जरूर करने आते हैं।

बनासो मंदिर के आस-पास सुविधा 

मंदिर गांव में स्थित होने के कारण बड़े-बड़े होटल या बड़ी दुकान नजर नहीं आते हैं ,किंतु छोटे-छोटे दुकान पूजा की सामग्री बिक्री के साधन उपलब्ध रहते हैं। यहां से बिशनगढ़ या बगोदर जहां होटल धर्मशाला या  रुकने के अन्य साधन उपलब्ध है। आसपास का इलाका काफी शांत है और यहां के लोग काफी सीधे साधे हैं। बिना डर भय के कभी भी आप यहां आ सकते हैं ।मंदीर  के कारण आसपास वाले लोगों का रोजगार का साधन बन गया है । पूजा-पाठ की सामग्री सालों भर बेच कर  अपना जीव को उपार्जन करते हैं।

बनासो मन्दिर के विषय मे वीडियो देखने के लिए नीचे दिए गए लिंक को क्लिक कर देख सकते है-

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