तमासिन जल प्रपात चतरा (Tamasin jalprapat chatra) तमासिन जल प्रपात प्राकृतिक सौंदर्य, मनोहारी दृश्य के लिए काफी प्रसिद्ध है। झारखंड राज्य के चतरा जिला मुख्यालय से 35 किलोमीटर दूर कोल्हिया प्रखंड के तुलबुल पंचायत, तमासिन नामक स्थान पर स्थित है। फल्गु नदी के सहायक नदी महाने नदी पर तमासिन नामक जलप्रपात स्थित है। तमासिन स्थल पर महाने नदी दो पहाड़ियों को चीरते हुए बहती है । जिस कारण एक गहरी खाई का निर्माण होता है । नदी भ्रंश घाटी से होकर गुजरने के कारण कड़ी एवं मुलायम चट्टानों केे कटाव के केे कार प्रकृति की अद्भुत नकाशी दार कारीगरी देखने को मिलती है।
Tamasin jalprapat chatra तमासिन जल प्रपात चतरा

तमासिन जलप्रपात (Tamasin jalprapat chatra) तमासिन जल प्रपात प्राकृतिक सौंदर्य, मनोहारी दृश्य के लिए काफी प्रसिद्ध है।) प्राकृतिक सुंदरता देखने को बनती है। पर्यटक यहां की प्राकृतिक छटा देख कर अपनी सारी थकान भूल जाते हैं। दो पहाड़ों के बीच से गुजरती हुई नदी की जल धारा पत्थर और चट्टानों के बीच से नुकाछूपी करते बहती है। नदी की तलहटी में उतरने के लिए लगभग 600 मीटर गहरी खाई में उतरना होता है इस खाई में उतरने के लिए प्रशासन के द्वारा 316 सीढ़ियां बनाई गई है। नदी में छोटे-बड़े अनेक जलप्रपात मनोहारी दृश्य उत्पन्न करते हैं।
मात तमासिन (गुफा मन्दिर )
यहां एक गुफा है जहां मां दुर्गा का वास है जिसे तमासिन माता के नाम से जाना जाता है माना जाता है कि तमासिन माता भाई-बहनों में सबसे छोटे भाई थी जो लोगों की हर मनोकामना पूरा करती है यहां हिंदू धर्म की पवित्र तिथियों पर भजन कीर्तन मुंडन बकरे की बलि आदि प्रथा प्रचलित है।

इस गुफा का रहस्य अति प्राचीन है ऐसा माना जाता है कि इस गुफा के एक द्वार अंगमारी राजा के महल में खुलता था। हालांकि यह एक भौगोलिक घटना प्रतीत होता है। भूगर्भिक हलचल कारण शायद दरार बन गया। यह दरार गुफ़ा का आकार लेलिया है ।यही कारण यहां गुफा बना हुआ है और इस अंधेरे गुफा में अंदर जाने का मार्ग आगे छोटा होता जाता है और कुछ मीटर के बाद गुफा का मार्ग बंद हो जाता है। गुफा के बाहर पहन या नया द्वारा माता की पूजा की जाती है यहां आने वाले पर्यटक मां के दरबार में माथा टेकना नहीं भूलते है। आसपास इलाकों में इस माता के प्रति लोगों में काफी श्रद्धा है ।लोगों में यह विश्वास है कि यहां मांगी गई हर मुराद पूरी होती है और मुराद पूरी होने के बाद गाजे-बाजे के साथ माता के दर्शन करने लोग यहां आया करते हैं।
नदी की जलधारा कठोर चट्टानों को तराश कर चिकना कर दिया है। नदी की तलहटी पर कहीं-कहीं नदी की जलधारा ने चट्टानों को काटकर कुआं जैसा आकृति बनाई है। इस जलधारा से इस स्थल पर कई कलाकृतियों भी दिखाई पड़ती है। यह सब देखकर पर्यटक भाव विभोर हो जाते हैं।
तमासिन जलप्रपात चतरा जिला के प्रमुख पर्यटक स्थलों में से है।यह विश्व प्रसिद्ध पर्यटक स्थल भद्रकाली मंदिर इटखोरी से महज 15 किलोमीटर दूर पश्चिम दिशा में स्थित है।
यहां पहुंचने के लिए सड़क मार्ग से आया जा सकता है। यहां पहुंचने के लिए पक्की सड़क की व्यवस्था है। प्रशासन के द्वारा पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पुख्ता व्यवस्था की गई है। बिना डर भय के आप प्रकृति के इस अद्भुत नजारे का आनंद प्राप्त कर सकते हैं।
तमासिन जलप्रपात पहुंचने का सही समय
तमासिन जलप्रपात पहुंचने के लिए उपयुक्त समय नवंबर दिसंबर माह में होती है। यंहा सालों भर यहां पर्यटक प्रकृति की छटा देखने के लिए पहुंचते हैं। बरसात के दिनों को छोड़कर बाकी शेष समय के लिए यह पर्यटक स्थल उपयुक्त है। बरसात के समय गहरी खाई से होकर जलधरा बहने के कारण पर्यटन के लिए उपयुक्त नहीं होता है।घने जंगल गहरी खाई चिकने पत्थर के कारण दुर्घटना का कारण हो सकता।तथा प्रशासन के द्वारा भी बरसात के दिनों में कोई सुरक्षा की व्यवस्था नहीं की जाती है है जिस कारण सुरक्षा के दृष्टि से बरसात का समय उपयुक्त नहीं होता है।
Tatapani | तातापानी गर्मजल श्रोत
Q. तमासिन जलप्रपात कहां स्थित है?
ANS – चतरा झारखण्ड
Q.तमासिन जलप्रपात किस नदी पर स्थित है?
ANS – फल्गु नदी के सहायक नदी महाने नदी पर स्थित है.
Q . तमासिन गुफा झारखण्ड के किस जिला में स्थित है?
ANS – चतरा