कटिहार जिला ( Katihar district) बिहार राज्य के उत्तर-पूर्वी कोने में स्थित है, जिसकी ऐतिहासिक जड़ें प्राचीन अंग महाजनपद से जुड़ी हुई हैं। इसका नाम दीघी-कटिहार नामक पुराने नगर से लिया गया है। मुगल शासनकाल में सरकार ताजपुर द्वारा इस क्षेत्र का प्रशासनिक गठन हुआ। 12वीं शताब्दी में बख्तियार खिलजी के बिहार विजय के बाद यह क्षेत्र मुस्लिम शासन के अधीन आ गया। 1770 ई. में पूर्णिया के तत्कालीन गवर्नर मोहम्मद अली खान के समय यह ब्रिटिश शासन के अधीन चला गया। वर्ष 1973 में यह पूर्णिया से अलग होकर स्वतंत्र जिला कटिहार जिला ( Katihar district) बनाया गया ।
कटिहार जिला का भौगोलिक स्थिति और प्रशासनिक संरचना
कटिहार का कुल क्षेत्रफल 3,056 वर्ग किलोमीटर है। इसके उत्तर और पश्चिम में पूर्णिया, पूर्व में पश्चिम बंगाल तथा दक्षिण में भागलपुर और झारखंड स्थित हैं। यह जिला गंगा, कोसी, महानंदा और रिगा जैसी प्रमुख नदियों से घिरा हुआ है, जो इसे जलसंपन्न बनाती हैं।
प्रशासनिक दृष्टि से जिले में 3 अनुमंडल (कटिहार, बारसोई, मनिहारी) और 16 प्रखंड हैं, जिनमें प्रमुख हैं: कटिहार, डंडखोरा, हसनगंज, कोड़ा, समेली, फलका, कुर्सेला, बरारी, मनसाही, प्राणपुर, बलरामपुर, आजमनगर, कदवा, मनिहारी और अमदाबाद। जिले में एक नगर निगम, दो नगर पंचायतें और कुल 235 ग्राम पंचायतें हैं।
जनसंख्या, भाषा और साक्षरता
कटिहार की जनसंख्या लगभग 30.71 लाख है। लिंगानुपात 916 है और जनसंख्या घनत्व 1005 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है। साक्षरता दर 52.24% है। यहाँ की प्रमुख भाषाएँ हिंदी और अंगिका हैं।
| • क्षेत्रफल: 3,056 वर्ग किलोमीटर • सीमाएँ: उत्तर और पश्चिम में पूर्णिया, पूर्व में पश्चिम बंगाल, दक्षिण में भागलपुर और झारखंड • नदियाँ: गंगा, कोसी, महानंदा और रिगा • अनुमंडल: कटिहार, बारसोई, मनिहारी • प्रखंड: कुल 16, जिनमें प्रमुख हैं—कुर्सेला, कोड़ा, बरारी, प्राणपुर, मनिहारी आदि • नगर प्रशासन: 1 नगर निगम, 2 नगर पंचायतें, 235 ग्राम पंचायतें • विधानसभा सीटें: 7 • लोकसभा क्षेत्र: कटिहार |
कटिहार जिला का जनसंख्या, भाषा और साक्षरता
• जनसंख्या: लगभग 30.71 लाख
• लिंगानुपात: 916
• जनसंख्या घनत्व: 1005 व्यक्ति/वर्ग किमी
• साक्षरता दर: 52.24%
• मुख्य भाषाएँ: हिंदी और अंगिका
कटिहार जिला का कृषि और उद्योग : धरती की धड़कन
कटिहार की आत्मा उसकी उपजाऊ भूमि में बसती है। यहाँ की अर्थव्यवस्था कृषि पर आधारित है, जहाँ धान, गेहूँ, मक्का, जूट, मखाना, केला और दलहन की फसलें लहलहाती हैं। मखाना की खेती विशेष रूप से कोड़ा, मनिहारी, कदवा और बरारी प्रखंडों में बड़े पैमाने पर होती है।
प्रमुख उद्योग:
• पुरानी और नई जूट मिल
• आरबीएमएस जूट फैक्टरी
• मनसा जूट मिल
• विष्णु आटा मिल
• सन बायो मैन्युफैक्चरिंग प्राइवेट लिमिटेड
• चावल और कपड़ा उद्योग
शिक्षा के केंद्र
कटिहार शिक्षा के क्षेत्र में भी अग्रणी है। यहाँ के प्रमुख संस्थान हैं:
• के.बी. झा महाविद्यालय
• दर्शन साह महाविद्यालय
• हरिशंकर नायक उच्च विद्यालय
• सीताराम चमरिया डिग्री कॉलेज
• एम.जे.एम. महिला कॉलेज
• कटिहार मेडिकल कॉलेज और हॉस्पिटल
कटिहार जिला का दर्शनीय स्थल : आस्था और प्रकृति का संगम
• गोगाबिल झील: पक्षी प्रेमियों के लिए स्वर्ग
• गांधी घर (कुर्सेला): ऐतिहासिक स्मृति
• गोरखनाथ मंदिर, गौरीशंकर मंदिर, कष्टहरणनाथ मंदिर: धार्मिक आस्था के केंद्र
• गुरुद्वारा साहेब (बरारी): सिख संस्कृति की छाया
• सत्संग मंदिर, पीर मजार (मनिहारी): आध्यात्मिक शांति के स्थल
हाँ Anand ji, कटिहार जिले का इतिहास कई महत्वपूर्ण ऐतिहासिक व्यक्तित्वों से जुड़ा रहा है। हालांकि कटिहार स्वयं किसी एक “ऐतिहासिक व्यक्ति” के नाम पर नहीं जाना जाता, लेकिन इसके इतिहास में कई प्रभावशाली शासकों और नेताओं की भूमिका रही है। आइए कुछ प्रमुख ऐतिहासिक व्यक्तियों पर नज़र डालते हैं जो कटिहार के इतिहास से जुड़े हैं:
कटिहार से जुड़े प्रमुख ऐतिहासिक व्यक्तित्व
1. बख्तियार खिलजी
- 12वीं शताब्दी में बिहार विजय के लिए प्रसिद्ध।
- उनके अभियान के बाद कटिहार क्षेत्र मुस्लिम शासन के अधीन आया।
- उन्होंने नालंदा विश्वविद्यालय को नष्ट किया था, जिससे बिहार का सांस्कृतिक परिदृश्य बदल गया।
2. गयासुद्दीन ईवाज़
- बख्तियार खिलजी के उत्तराधिकारी।
- उन्होंने बिहार में शासन का विस्तार किया और कटिहार को अपने प्रशासन में शामिल किया।
3. मोहम्मद अली खान
- 1770 ई. में पूर्णिया के गवर्नर थे।
- उनके कार्यकाल में कटिहार ब्रिटिश शासन के अधीन चला गया।
आधुनिक युग में
कटिहार आधुनिक काल में भी कई सामाजिक, राजनीतिक और शैक्षणिक व्यक्तित्वों का केंद्र रहा है, जैसे:
- डॉ. एम.आई. अहमद – कटिहार मेडिकल कॉलेज के संस्थापक
- स्थानीय स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक – जिनके नाम स्थानीय स्मारकों और संस्थानों में दर्ज हैं
