Patna

पटना जिला: बिहार की चेतना का केंद्र | Patna District: The Center of Bihar

पटना जिला (Patna District ) बिहार की राजधानी के रूप में, राज्य की प्रशासनिक, सांस्कृतिक और ऐतिहासिक पहचान का जीवंत प्रतीक है। वर्ष 1770 ई. में स्थापित यह जिला आज 3,202 वर्ग किलोमीटर क्षेत्रफल के साथ बिहार का सबसे बड़ा और सबसे अधिक जनसंख्या वाला जिला है। गंगा नदी के किनारे बसा पटना, प्राचीन पाटलिपुत्र की विरासत को आधुनिकता से जोड़ता है।यह नगर मौर्य और गुप्त साम्राज्य की राजधानी रहा, जहाँ चंद्रगुप्त मौर्य, सम्राट अशोक और समुद्रगुप्त जैसे महान शासकों ने शासन किया। गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थल होने के कारण यह सिख धर्म का भी पवित्र केंद्र है। पटना की गलियाँ इतिहास की कहानियाँ कहती हैं, तो इसके संस्थान ज्ञान की रोशनी फैलाते हैं।आज पटना जिला प्रशासन, शिक्षा, कृषि, व्यापार और पर्यटन के क्षेत्र में अग्रणी भूमिका निभा रहा है। यहाँ 6 अनुमंडल, 23 प्रखंड, 321 पंचायत और 1395 गाँव हैं। जनसंख्या 58.38 लाख और जनघनत्व 1823 व्यक्ति/किमी² इसे राज्य का सबसे घना जिला बनाते हैं।भाषाई विविधता, सांस्कृतिक समरसता और ऐतिहासिक गहराई के साथ पटना जिला बिहार की आत्मा है—जहाँ परंपरा और प्रगति एक साथ सांस लेते हैं।

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पटना का ऐतिहासिक और सांस्कृतिक महत्व

  • पटना, बिहार की राजधानी, भारतीय इतिहास की उन गिनी-चुनी जगहों में से एक है जहाँ प्राचीनता और आधुनिकता एक साथ साँस लेते हैं। यह नगर गंगा नदी के किनारे स्थित है और इसकी जड़ें पाटलिपुत्र नामक प्राचीन नगर में समाहित हैं, जिसकी स्थापना  लगभग 600 ई.पू. में मानी जाती है, जब यह मगध साम्राज्य की राजधानी बना। उदायिभद्र द्वारा स्थापित यह नगर कालांतर में मौर्य, शुंग, कण्व, गुप्त और पाल वंशों की राजधानी रहा। पाटलिपुत्र का उल्लेख महाभारत, रामायण, बौद्ध और जैन ग्रंथों में भी मिलता है।
  • पाटलिपुत्र ने मौर्य, गुप्त और सूरी वंश की राजधानियों के रूप में भारतीय राजनीति और संस्कृति को आकार दिया। चंद्रगुप्त मौर्य के शासनकाल में यह नगर इतना समृद्ध था कि ग्रीक राजदूत मेगास्थनीज ने यहाँ आकर ‘इंडिका’ नामक ग्रंथ की रचना की। सम्राट अशोक ने यहीं से बौद्ध धर्म का प्रचार किया और इसे वैश्विक पहचान दिलाई।
  • बौद्ध यात्रियों फाह्यान और ह्वेनसांग ने भी इस नगर की यात्रा की और इसे ज्ञान, धर्म और संस्कृति का केंद्र बताया। शेरशाह सूरी ने इसे अपनी राजधानी बनाया और प्रशासनिक सुधारों की नींव रखी। मुगल काल में यह व्यापारिक गतिविधियों का प्रमुख केंद्र बना और ब्रिटिश शासन के दौरान आधुनिक शिक्षा, रेलवे और प्रशासनिक ढांचे का विकास हुआ।
  • धार्मिक दृष्टि से भी पटना अत्यंत महत्वपूर्ण है। गुरु गोबिंद सिंह, सिखों के दसवें गुरु, का जन्म यहीं हुआ। तख्त श्री हरमंदिर साहिब इस नगर को सिख धर्म का पवित्र स्थल बनाता है।
  • आज पटना संग्रहालय, गोलघर, कुम्हरार, बुद्ध स्मृति पार्क, तारामंडल जैसे स्थल इसकी सांस्कृतिक विरासत को जीवंत बनाए हुए हैं। यह नगर न केवल बिहार की राजधानी है, बल्कि भारत की ऐतिहासिक चेतना और सांस्कृतिक विविधता का प्रतीक भी है

पटना का भौगोलिक और प्रशासनिक परिचय

  1. कुल क्षेत्रफल: 3202 वर्ग किमी (बिहार का सबसे बड़ा जिला क्षेत्रफल के अनुसार)
  2. जनसंख्या (2011): 58,38,465 (राज्य में सर्वाधिक)
  3.  जनघनत्व: 1823 व्यक्ति/किमी²
  4.  लिंगानुपात: 897
  5. साक्षरता दर: 70.68% (पुरुष: 78.48%, महिला: 61.96%)
पटना
पटना
  1.  पटना  जिला  का  प्रशासनिक इकाइयाँ:

  2.  पटना  जिला  में कुल अनुमंडल: 6

    1. पटना सदर (Patna Sadar)
    2. मसौढ़ी (Masaurhi)
    3. दानापुर (Danapur)
    4. बाढ़ (Barh)
    5. पालीगंज (Paliganj)
    6. मोकामा (Mokama)

  3.  पटना  जिला  में कुल प्रखंड: 23

    1. पटना सदर
    2. फुलवारी
    3. सम्पतचक
    4. दानापुर
    5. नौबतपुर
    6. बिहटा
    7. मनेर
    8. बिक्रम
    9. दुल्हिनबाजार
    10. पालीगंज
    11. मसौढ़ी
    12. पुनपुन
    13. धनरुआ
    14. फतुहा
    15. दनियावां
    16. खुसरूपुर
    17. बख्तियारपुर
    18. अथमलगोला
    19. बाढ़
    20. पंडारक
    21. मोकामा
    22. घोसवरी
    23. बेल

    पटना के  सीमावर्ती जिले

    पटना के आसपास के 9 जिले हैं
    • सारण
    • भोजपुर
    • अरवल
    • जहानाबाद
    • नालंदा
    • लखीसराय
    • बेगूसराय
    • समस्तीपुर
    • वैशाली

     पटना  जिला  का भाषा और संस्कृति

    • स्थानीय बोली: मगही
    • अन्य भाषाएँ: हिंदी, अंग्रेज़ी, उर्दू, बांग्ला, भोजपुरी, मैथिली
    • पटना सांस्कृतिक, धार्मिक और साहित्यिक गतिविधियों का केंद्र है

पटना के प्रमुख शैक्षणिक संस्थान

पटना, बिहार की राजधानी, न केवल प्रशासनिक और सांस्कृतिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह शिक्षा के क्षेत्र में भी राज्य की अग्रणी शक्ति है। यहाँ स्थित शैक्षणिक संस्थानों ने दशकों से ज्ञान, शोध और नेतृत्व की नींव रखी है। आइए जानें उन संस्थानों के बारे में जिन्होंने पटना को “ज्ञान की राजधानी” के रूप में प्रतिष्ठित किया।

 पटना विश्वविद्यालय (स्थापना: 1917)

ब्रिटिश शासनकाल में स्थापित यह विश्वविद्यालय बिहार का पहला और देश के सबसे पुराने विश्वविद्यालयों में से एक है। कला, विज्ञान, वाणिज्य, विधि और शिक्षा के क्षेत्र में इसकी पहचान राष्ट्रीय स्तर पर है।

 चाणक्य राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय (स्थापना: 2006)

विधि शिक्षा के क्षेत्र में यह संस्थान देश के प्रमुख राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालयों में गिना जाता है। यहाँ विधि की स्नातक और स्नातकोत्तर शिक्षा के साथ-साथ शोध को भी बढ़ावा दिया जाता है।

 मौलाना मजहरुलहक अरबी व फारसी विश्वविद्यालय (स्थापना: 1998)

अरबी, फारसी और उर्दू भाषा व साहित्य को समर्पित यह विश्वविद्यालय बिहार की भाषाई और सांस्कृतिक विविधता को समृद्ध करता है।

नालंदा मुक्त विश्वविद्यालय (स्थापना: 1987)

यह बिहार का एकमात्र मुक्त विश्वविद्यालय है, जो दूरस्थ शिक्षा के माध्यम से हजारों छात्रों को उच्च शिक्षा प्रदान करता है। इसकी पहुँच ग्रामीण और दूरस्थ क्षेत्रों तक है।

पटना वीमेंस कॉलेज (स्थापना: 1940)

महिलाओं के लिए उच्च शिक्षा का यह प्रतिष्ठित संस्थान कला, विज्ञान, वाणिज्य और कंप्यूटर शिक्षा में उत्कृष्टता के लिए जाना जाता है। यह पटना विश्वविद्यालय से संबद्ध है।

लोकसभा सांसद (2024 के चुनाव के अनुसार)

1. पटना साहिब लोकसभा क्षेत्र:
2. पाटलिपुत्र लोकसभा क्षेत्र:

 विधानसभा क्षेत्र

पटना जिले में कई विधानसभा क्षेत्र आते हैं, जिनमें से कुछ प्रमुख हैं:

  1.  पटना साहिब:
  2.  दीघा
  3.  बैंकिपुर
  4.  कुम्हरार
  5.  फुलवारी (SC)
  6. दानापुर
  7.  मनेर
  8. बिहटा
  9.  मसौढ़ी (SC)
  10.  पालिगंज

पटना के प्रमुख ऐतिहासिक और प्राचीन व्यक्तित्व

• चाणक्य (कौटिल्य): पाटलिपुत्र निवासी, मौर्य साम्राज्य के निर्माता और अर्थशास्त्र के जनक।
• आर्यभट्ट: महान गणितज्ञ और खगोलशास्त्री, जिनका जन्म पाटलिपुत्र में माना जाता है।
• चंद्रगुप्त मौर्य: मौर्य साम्राज्य के संस्थापक, जिनकी राजधानी पाटलिपुत्र थी।
• सम्राट अशोक: मौर्य वंश के महान शासक, जिन्होंने पाटलिपुत्र को प्रशासनिक केंद्र बनाया।

• शेरशाह सूरी: सूरी वंश के शासक, जिन्होंने पटना को राजधानी बनाया।
• गुरु गोबिंद सिंह: सिखों के दसवें गुरु, जिनका जन्म 1666 ई. में पटना में हुआ।

 आधुनिक युग के प्रमुख व्यक्ति

• रविंद्र किशोर सिन्हा (R.K. Sinha): सिक्योरिटी एंड इंटेलिजेंस सर्विसेज (SIS) के संस्थापक, पटना के सबसे सफल उद्यमियों में से एक।
• डॉ. राजेन्द्र प्रसाद: भारत के प्रथम राष्ट्रपति, जिनका जुड़ाव पाटलिपुत्र से रहा है।
• जयप्रकाश नारायण: स्वतंत्रता सेनानी और समाज सुधारक, जिनका प्रभाव पटना के राजनीतिक और सामाजिक जीवन पर रहा।

 शैक्षणिक और सांस्कृतिक क्षेत्र

• डॉ. आर.के. श्रीवास्तव: गणित गुरु के रूप में प्रसिद्ध, जिन्होंने बिहार के युवाओं को प्रेरित किया।
• प्रो. नलिन वर्मा: पत्रकार और लेखक, जिन्होंने बिहार की सामाजिक और राजनीतिक परतों को उजागर किया।
• डॉ. श्याम नारायण आर्य: पटना विश्वविद्यालय से जुड़े वरिष्ठ शिक्षाविद।

पटना के प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक स्थल

1 कुम्हरार पार्क

मौर्यकालीन राजधानी पाटलिपुत्र के भग्नावशेषों को समेटे यह स्थल प्राचीन भारत की वास्तुकला और प्रशासनिक व्यवस्था की झलक देता है। यहाँ 80 स्तंभों वाला सभागार और अन्य पुरातात्विक संरचनाएँ देखी जा सकती हैं।

२.तख्त श्री हरमंदिर साहिब :

सिखों के दसवें गुरु गुरु गोबिंद सिंह का जन्मस्थल। यह सिख धर्म के पाँच तख्तों में से एक है और श्रद्धालुओं के लिए अत्यंत पवित्र स्थल है।

३. पटना संग्रहालय

1917 में स्थापित यह संग्रहालय बिहार की ऐतिहासिक, पुरातात्विक और सांस्कृतिक धरोहरों को संजोता है। यहाँ मौर्य, गुप्त, पाल काल की मूर्तियाँ और चित्रकला संग्रहित हैं।

4. गोलघर

1786 में बना यह अन्न भंडार ब्रिटिश काल की स्थापत्य कला का उदाहरण है। इसकी गोल संरचना और ऊँचाई से पटना शहर का सुंदर दृश्य दिखाई देता है।

6. गांधी मैदान

राजनीतिक और सांस्कृतिक आयोजनों का प्रमुख स्थल। स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक यह मैदान जन आंदोलनों का केंद्र रहा है।

5. ईकोपार्क

• स्थापना: 2011
• विवरण: पर्यावरणीय जागरूकता और मनोरंजन का केंद्र। झील, बोटिंग, साइकलिंग और बच्चों के लिए खेल क्षेत्र उपलब्ध हैं।

 7. श्रीकृष्ण विज्ञान केंद्र

• स्थापना: 1978
• विवरण: विज्ञान को रोचक और इंटरैक्टिव तरीके से प्रस्तुत करने वाला केंद्र। बच्चों और युवाओं के लिए विशेष आकर्षण।

8. तारामंडल (इंदिरा गांधी प्लेनेटेरियम)

• स्थापना: 1993
• विवरण: ब्रह्मांड, ग्रहों और तारों की जानकारी देने वाला केंद्र। विज्ञान प्रेमियों के लिए अत्यंत आकर्षक।

 9. संजय गांधी जैविक उद्यान (पटना चिड़ियाघर)

• स्थापना: 1973
• विवरण: देश के प्रमुख जैविक उद्यानों में से एक। यहाँ वन्य जीवों की विविध प्रजातियाँ, बोटैनिकल गार्डन और टॉय ट्रेन हैं।

 10. गंगा घाट

• स्थापना: ऐतिहासिक रूप से प्राचीन, आधुनिक घाटों का विकास 20वीं सदी में
• विवरण: गांधी घाट, दीघा घाट,

विवरण: गांधी घाट, दीघा घाट, गाय घाट आदि पर गंगा आरती, छठ पूजा और धार्मिक अनुष्ठान होते हैं।

 11. पत्थर की मस्जिद
• स्थापना: 1621 ई.
• विवरण: परवेज़ शाह द्वारा निर्मित यह मस्जिद मुगल स्थापत्य कला का सुंदर उदाहरण है।
 12. पादरी की हवेली
• स्थापना: 1713
• विवरण: बिहार का सबसे पुराना चर्च। इसका वास्तुशिल्प यूरोपीय शैली में है और यह क्रिसमस पर विशेष रूप से सजाया जाता है।
 13. गांधी मैदान
• स्थापना: ब्रिटिश काल में विकसित
• विवरण: स्वतंत्रता आंदोलन से लेकर आज तक यह मैदान जन आंदोलनों और सांस्कृतिक आयोजनों का केंद्र रहा है।

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