मिलिंद चंदवानी (Milind Chandwani ) : जब दुनिया चकाचौंध भरे करियर की ओर दौड़ रही थी, तब एक युवा ने कॉर्पोरेट जीवन की ऊँचाइयों को त्यागकर समाज की गहराइयों में उतरने का निर्णय लिया। मिलिंद चंदवानी (Milind Chandwani ), जिनका नाम आज सेलिब्रिटी अविका गौर से विवाह के कारण सुर्खियों में है, वास्तव में एक ऐसे कर्मयोगी हैं जिनकी पहचान उनके कार्यों से है, न कि केवल उनके संबंधों से।उन्होंने इंफोसिस जैसी प्रतिष्ठित कंपनी की नौकरी छोड़कर समाज सेवा को अपना जीवन-धर्म बनाया। उनकी स्थापना की गई संस्था Camp Diaries आज हजारों वंचित बच्चों को कला, संगीत, नृत्य और आत्म-अभिव्यक्ति का मंच प्रदान कर रही है। मिलिंद का मानना है कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह बच्चों के भीतर छिपी प्रतिभा को उजागर करने का माध्यम बननी चाहिए |आज के यांत्रिक युग में, जहाँ अधिकांश युवा भौतिक सुख-सुविधाओं की ओर आकृष्ट हैं, वहीं कुछ विरले व्यक्तित्व ऐसे भी हैं जो आत्मकल्याण से ऊपर उठकर लोककल्याण को अपना उद्देश्य बना लेते हैं। मिलिंद चंदवानी ऐसे ही एक प्रेरक व्यक्तित्व हैं, जिन्होंने कॉर्पोरेट जीवन की चकाचौंध को त्यागकर समाज सेवा की कठिन राह को चुना। उनका जीवन एक जीवंत उदाहरण है कि यदि संकल्प दृढ़ हो, तो कोई भी राह असंभव नहीं होती।
मिलिंद चंदवानी (Milind Chandwani )का प्रारंभिक जीवन
- जन्म: 27 मार्च 1991, कोंडापुर, हैदराबाद
- परिवार: पिता – खुशाल चंदवानी, माता – दीपा चंदवानी, भाई – गौरव चंदवानी
- शिक्षा:
- दिल्ली पब्लिक स्कूल, भोपाल
- बी.ई. – दयानंद सागर कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग, बेंगलुरु
- एमबीए – भारतीय प्रबंधन संस्थान, लखनऊ
किशोरावस्था में उन्होंने बॉडी शेमिंग और बुलीइंग जैसी मानसिक पीड़ाओं का सामना किया। 12वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ने का विचार आया, परंतु आत्मबल के सहारे उन्होंने 30 किलो वजन घटाया और आत्मविश्वास पुनः प्राप्त किया।
मिलिंद चंदवानी (Milind Chandwani) का करियर और सामाजिक योगदान
- 2013: इंफोसिस में वरिष्ठ सॉफ्टवेयर इंजीनियर के रूप में कार्य
- 2017: Camp Diaries नामक स्वयंसेवी संस्था की स्थापना
- 2019: MTV Roadies Real Heroes में प्रतिभाग
- 2025: Colors TV के शो पति पत्नी और पंगा में अविका गौर के साथ भागीदारी
Camp Diaries का उद्देश्य है—वंचित वर्ग के बच्चों को कला, संगीत, नृत्य, अभिनय और आत्म-अभिव्यक्ति के माध्यम से सशक्त बनाना। मिलिंद का मानना है कि शिक्षा केवल पुस्तकों तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह व्यक्तित्व निर्माण का माध्यम भी होनी चाहिए।
मिलिंद चंदवानी (Milind Chandwani) का व्यक्तिगत जीवन
मिलिंद चंदवानी का जीवन केवल सामाजिक सेवा तक सीमित नहीं है, बल्कि उनके व्यक्तिगत अनुभव, रिश्ते और जीवनशैली भी उन्हें एक संपूर्ण और प्रेरक व्यक्तित्व बनाते हैं। उनके जीवन की हर परत में संघर्ष, आत्मचिंतन और करुणा की छाप दिखाई देती है।
पारिवारिक पृष्ठभूमि
मिलिंद का जन्म 27 मार्च 1991 को कोंडापुर, हैदराबाद में हुआ। उनके पिता खुशाल चंदवानी और माता दीपा चंदवानी ने उन्हें एक मध्यमवर्गीय लेकिन मूल्यनिष्ठ वातावरण में पाला। उनका एक भाई भी है—गौरव चंदवानी। परिवार ने उन्हें आत्मनिर्भरता, संवेदनशीलता और सामाजिक जिम्मेदारी की शिक्षा दी।
किशोरावस्था के संघर्ष
किशोरावस्था में मिलिंद ने बॉडी शेमिंग, बुलीइंग और आत्म-संदेह जैसी मानसिक चुनौतियों का सामना किया। 12वीं कक्षा में पढ़ाई छोड़ने का विचार उनके मन में आया, लेकिन उन्होंने आत्मबल के सहारे न केवल पढ़ाई जारी रखी, बल्कि 30 किलो वजन घटाकर आत्मविश्वास भी हासिल किया। यह परिवर्तन उनके जीवन का निर्णायक मोड़ बना।
प्रेम और विवाह
मिलिंद की प्रेम कहानी भी उतनी ही प्रेरक है जितनी उनकी सामाजिक यात्रा। उनकी मुलाकात अभिनेत्री अविका गौर से एक NGO वर्कशॉप के दौरान हुई। दोनों ने एक-दूसरे के विचारों, संवेदनाओं और जीवन दृष्टिकोण को समझा और धीरे-धीरे यह मित्रता प्रेम में बदल गई।
- सगाई: जून 2025 में
- विवाह: 30 सितंबर 2025 को, एक सार्वजनिक समारोह में
- जीवनसाथी: अविका गौर—एक प्रसिद्ध टीवी अभिनेत्री, जिन्होंने बालिका वधू और ससुराल सिमर का जैसे शो से लोकप्रियता पाई
उनका विवाह न केवल व्यक्तिगत जीवन का उत्सव था, बल्कि यह एक सामाजिक संदेश भी था—कि समान मूल्यों और सेवा की भावना से जुड़ा प्रेम, सबसे सशक्त होता है।
रुचियाँ और जीवनशैली
मिलिंद एक बहुआयामी व्यक्तित्व हैं। उनके शौक और जीवनशैली उनके संवेदनशील और रचनात्मक स्वभाव को दर्शाते हैं:
- गिटार बजाना: संगीत के माध्यम से आत्म-अभिव्यक्ति
- पशुओं के साथ समय बिताना: करुणा और प्रकृति से जुड़ाव
- खानपान: मांसाहारी
- ऊंचाई: 5’11” (180 सेमी)
- स्वभाव: शांत, विचारशील, विनम्र और प्रेरणादायक
मिलिंद चंदवानी (Milind Chandwani) का प्रेरणा और प्रभाव
मिलिंद चंदवानी का जीवन इस बात का प्रमाण है कि संघर्ष, संवेदना और सेवा के समन्वय से कोई भी व्यक्ति समाज में सकारात्मक परिवर्तन ला सकता है। उन्होंने न केवल अपने जीवन को दिशा दी, बल्कि हजारों बच्चों को भी सपनों की उड़ान दी।
निष्कर्ष
मिलिंद चंदवानी का जीवन इस बात का जीवंत प्रमाण है कि जब कोई व्यक्ति अपने भीतर की पीड़ा को समाज की पीड़ा से जोड़ देता है, तो वह केवल एक इंसान नहीं रहता—वह एक आंदोलन बन जाता है। उन्होंने कॉर्पोरेट सफलता को त्यागकर सेवा की राह चुनी, और आज उनके कार्य हजारों बच्चों के जीवन में आशा की किरण बन चुके हैं। उनका जीवन हमें यह सिखाता है कि परिवर्तन की शुरुआत भीतर से होती है, और जब वह संकल्प में बदलती है, तो समाज भी बदलता है
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