Ranchi district | राँची जिला का इतिहास: झारखंड की सांस्कृतिक और राजनीतिक विरासत |

झारखंड की धरती, विशेषतः राँची जिला, केवल एक प्रशासनिक केंद्र नहीं , बल्कि यह इतिहास, संस्कृति और संघर्ष की जीवंत गाथा है। यहाँ की पहाड़ियों, नदियों और जंगलों ने न केवल प्रकृति को सँजोया है, बल्कि अनेक क्रांतियों, आंदोलनों और सांस्कृतिक पुनर्जागरणों को भी जन्म दिया है। राँची की ऐतिहासिक पृष्ठभूमि उस विरासत की कहानी है, जिसमें आदिवासी चेतना, स्वतंत्रता संग्राम और सामाजिक परिवर्तन की लहरें एक साथ बहती हैं

Table of Contents

राँची जिला (Ranchi district ) :

का ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य 
राँची का इतिहास प्राचीन नागवंशी राजाओं से प्रारंभ होता है, जिनकी राजधानी कभी सुतियाम्बे, चुटिया और खुखरा में रही। 346 ई. से लेकर 1538 ई. तक यह क्षेत्र राजनैतिक उतार-चढ़ावों का साक्षी रहा। शेरशाह सूरी के रोहतासगढ़ आक्रमण ने इस भूभाग को मुगल प्रभाव के संपर्क में लाया। ब्रिटिश काल में राँची का महत्व और बढ़ा। 1833 में दक्षिण-पश्चिम सीमांत एजेंसी के अंतर्गत हजारीबाग, मानभूम और लोहरदगा जिलों की स्थापना हुई। 1852 में लोहरदगा से राँची को प्रशासनिक मुख्यालय बनाया गया, और 1899 में इसे स्वतंत्र जिला घोषित किया गया। 1857 की क्रांति में राँची ने वीरता की मिसाल पेश की। डोरंडा छावनी से सिपाही विद्रोह की चिंगारी फूटी, और विश्वनाथ शाहदेव, शेख भिखारी, तथा पाण्डेय गणपत राय जैसे वीरों ने अपने प्राणों की आहुति दी। यह भूमि बलिदान की प्रतीक बन गई। 19वीं सदी के अंत में बिरसा मुंडा ने धार्मिक और सामाजिक जागरण का बिगुल फूँका। उनका आंदोलन आदिवासी अस्मिता और ब्रिटिश सत्ता के विरुद्ध एक सशक्त स्वर था। 1900 में उनकी मृत्यु जेल में हुई, लेकिन उनकी विचारधारा आज भी जीवित है। 1938 में आदिवासी महासभा का गठन हुआ, जिसने आदिवासी अधिकारों की रक्षा के लिए राजनीतिक मंच प्रदान किया। जयपाल सिंह के नेतृत्व में यह आंदोलन झारखंड राज्य की माँग तक पहुँचा। 1981 में स्वशासी परिषद, 1986 में आजसू, और 1995 में झारखंड एक्शन कमेटी जैसे संगठनों ने इस माँग को जन-जन तक पहुँचाया। अंततः 15 नवम्बर 2000 को झारखंड राज्य का गठन हुआ और राँची को इसकी राजधानी घोषित किया गया। यह केवल प्रशासनिक निर्णय नहीं था, बल्कि वर्षों के संघर्ष, बलिदान और सांस्कृतिक पुनरुत्थान का परिणाम था।

  •  1833: दक्षिण-पश्चिम सीमांत एजेंसी के तहत हजारीबाग, मानभूम, लोहरदगा जिले बने
  •  1843: लोहरदगा का मुख्यालय शेरघाटी से लोहरदगा लाया गया
  •  1852: आवास राँची स्थानांतरित1899: राँची को जिला घोषित किया गया
  •  1983: गुमला और लोहरदगा जिलों का निर्माण
  • 2007: खूंटी जिला बना
  • सुतियाम्बे में मदरा मुंडा की राजधानी → नागवंशियों को हस्तांतरण
  • 346 ई. में राजधानी चुटिया, 1122 ई. में खुखरा
  • 1538: शेरशाह का रोहतासगढ़ पर आक्रमण
  •  1850: चार आदिवासियों ने ईसाई धर्म स्वीकार किया
  • 1857: डोरंडा से सिपाही विद्रोह
  •  1858: विश्वनाथ शाहदेव, शेख भिखारी, पाण्डेय गणपत राय को फाँसी
  •  1900: बिरसा मुंडा की मृत्यु
  • 1938: आदिवासी महासभा का गठन
  • 1939: जयपाल सिंह का जुड़ना
  • 1981: स्वशासी परिषद का गठन
  • 1986: आजसू का गठन
  • 1995: JAC की स्थापना
  • 15 नवम्बर 2000: झारखण्ड राज्य की राजधानी बनी

राँची जिला (Ranchi district ): जनसंख्या आँकड़े (2011)

• कुल जनसंख्या: 29,14,253
• साक्षर: 19,11,433
• श्रमिक: 11,42,867
• मुख्य श्रमिक: 7,56,176
• सीमांत श्रमिक: 3,86,691
• अश्रमिक: 17,71,386
• अनुसूचित जाति: 1,52,943
• अनुसूचित जनजाति: 10,42,016
• कुल परिवार: 5,69,444

राँची जिला (Ranchi district ) प्रखंडवार जनसंख्या आँकड़े (2011)

क्रमप्रखंडजनसंख्यासाक्षरता दरलिंगानुपात
1काँके13,17,49974.4%924
2नामकुम1,45,84163.2%967
3तमाड़1,32,67253.4%978
4मांडर1,28,58557.3%974
5सिल्ली1,13,79863.8%959
6बेड़ो1,13,09057.0%973
7अनगड़ा76,44261.1%983
8चान्हों1,07,50355.8%980
9ओरमांझी94,13757.2%944
10बुड़मू89,88954.5%969
11बुंडू82,97559.1%963
1खलारी78,21964.1%929
13सोनाहातु77,25256.3%974
14रातु76,56562.6%974
15नगड़ीआँकड़ा उपलब्ध नहीं
16लापुंग63,05350.4%1013
17राहे53,91659.5%972
18इटकी50,05863.1%984

राँची जिला (Ranchi district ) की प्रमुख नदियाँ – विस्तृत विवरण

1स्वर्णरेखा नदी (Subarnarekha River)

  • उद्गम स्थल: पिस्का/नगड़ी गाँव, राँची के पास, छोटा नागपुर पठार से
  • लंबाई: लगभग 395 किमी
  • राज्य: झारखंड, पश्चिम बंगाल, ओडिशा
  • किनारे बसे प्रमुख शहर: राँची, चांडिल, जमशेदपुर, घाटशिला

प्रमुख बाँध/बैराज:

  • चांडिल बाँध (Chandil Dam): सरायकेला-खरसावाँ ज़िले में, सिंचाई और जल विद्युत हेतु
  • गालूडीह बैराज (Galudih Barrage): पूर्वी सिंहभूम में
  • हुण्डरू जलप्रपात: राँची में, इसी नदी पर स्थित है — 98 मीटर ऊँचाई से गिरता है

राँची की धरती से जन्मी स्वर्णरेखा नदी छोटा नागपुर पठार की चट्टानों से फूटती है। नगड़ी क्षेत्र के पास इसका उद्गम होता है, जहाँ से यह पूर्व की ओर बहती हुई चांडिल और जमशेदपुर को पार करती है। इस नदी के किनारे बसे शहरों में राँची, चांडिल, और जमशेदपुर प्रमुख हैं।

  • हुण्डरू जलप्रपात, जो राँची का एक प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है, इसी नदी पर स्थित है।
  • चांडिल बाँध और गालूडीह बैराज जैसे जल संरचनाएँ इस नदी की ऊर्जा और सिंचाई क्षमता को harness करती हैं।
    स्वर्णरेखा का नाम इस विश्वास से जुड़ा है कि इसके जल में कभी सोने के कण पाए जाते थे — यह नदी आज भी सांस्कृतिक स्मृति में “सोने की रेखा” बनी हुई है।

2. दक्षिण कोयल नदी (South Koel River)

  • उद्गम स्थल: लोहरदगा जिले के पास
  • प्रवाह क्षेत्र: गुमला, राँची, पश्चिम सिंहभूम
  • किनारे बसे प्रमुख क्षेत्र: तोरपा, खूंटी, बुंडू
  • प्रमुख बाँध: इस नदी पर कोई बड़ा बाँध नहीं है, लेकिन जल संरक्षण के लिए छोटे जलाशय हैं यह नदी राँची के पश्चिमी पठारी क्षेत्र से निकलती है और खूंटी, बुंडू जैसे इलाकों को सींचती हुई पश्चिम सिंहभूम की ओर बढ़ती है।
  • तोरपा और खूंटी इसके किनारे बसे प्रमुख क्षेत्र हैं।
  • यह नदी गुमला और सिमडेगा जिलों में भी बहती है, जहाँ इसकी धारा कृषि जीवन का आधार बनती है।
    हालाँकि इस पर कोई बड़ा बाँध नहीं है, लेकिन जल संरक्षण के लिए कई छोटे जलाशय और चेक डैम बनाए गए हैं।

3 शंख नदी (Shankh River)

  • उद्गम स्थल: गुमला जिले के पठारी क्षेत्र
  • प्रवाह क्षेत्र: राँची के दक्षिणी भाग से होकर बहती है
  • विशेषता: यह नदी आगे चलकर ब्राह्मणी नदी में मिल जाती है
  • किनारे बसे क्षेत्र: लापुंग, खूंटी, सिमडेगा

शंख नदी का उद्गम गुमला जिले के जंगलों में होता है। यह राँची के दक्षिणी भाग से होकर बहती है और आगे चलकर ब्राह्मणी नदी में मिल जाती है।

  • लापुंग, खूंटी, और सिमडेगा इसके किनारे बसे क्षेत्र हैं।
    इस नदी का प्रवाह क्षेत्र वनवासी जीवन से जुड़ा है, जहाँ इसकी धारा लोककथाओं और पारंपरिक गीतों में बार-बार गूंजती है।

4 हरमू नदी (Harmu River)

  • उद्गम स्थल: राँची शहर के पश्चिमी भाग में
  • प्रवाह क्षेत्र: राँची शहर के बीचोंबीच
  • स्थिति: शहरीकरण के कारण प्रदूषित हो चुकी है
  • प्रयास: नगर निगम द्वारा पुनर्जीवन की योजनाएँ चल रही हैं

हरमू नदी राँची शहर के भीतर बहने वाली एक छोटी लेकिन ऐतिहासिक नदी है।

  • इसका उद्गम शहर के पश्चिमी हिस्से में होता है और यह हरमू मोहल्ले से होकर गुजरती है।
  • शहरीकरण और प्रदूषण के कारण इसकी स्थिति चिंताजनक हो गई है।
    राँची नगर निगम द्वारा इसे पुनर्जीवित करने की योजनाएँ चल रही हैं, ताकि यह फिर से शहर की सांस्कृतिक पहचान बन सके।

राँची जिला (Ranchi district ) : प्रमुख जलप्रपात (Waterfalls)

1.हुण्डरू जलप्रपात

  • स्वर्णरेखा नदी पर स्थित, यह झरना लगभग 98 मीटर ऊँचाई से गिरता है।
  • मानसून के बाद इसका दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है।
  • पास में ट्रेकिंग और पिकनिक की सुविधा भी है।

2.जोन्हा जलप्रपात (गौतमधारा)

  • गंगा और रारू नदियों के संगम से बना यह झरना 45 मीटर ऊँचाई से गिरता है।
  • पास में बौद्ध ध्यान केंद्र स्थित है, जिससे इसे आध्यात्मिक महत्व भी प्राप्त है।

3.दशम जलप्रपात

  • तैमरा गाँव के पास स्थित, यह झरना 144 फीट ऊँचाई से गिरता है।
  • यह स्वर्णरेखा की सहायक नदी पर स्थित है और हरियाली से घिरा हुआ है।

राँची जिला (Ranchi district ) : पहाड़ी स्थल और व्यू पॉइंट्स

1.टैगोर हिल

  • रवींद्रनाथ टैगोर के भाई ज्योतिंद्रनाथ टैगोर से जुड़ा यह स्थल राँची शहर का 360° दृश्य प्रदान करता है।
  • यहाँ ध्यान केंद्र और पुस्तकालय भी स्थित हैं।

2. राँची पहाड़ी (पहाड़ी मंदिर)

  • शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध यह स्थल राँची के मध्य में स्थित है।
  • स्वतंत्रता संग्राम के समय यहाँ तिरंगा फहराया गया था — यह स्थल देशभक्ति का प्रतीक भी है।

राँची जिला (Ranchi district ) : प्रमुख मंदिर

1जगन्नाथपुर मंदिर

  • पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बना यह मंदिर 1691 में निर्मित हुआ।
  • हर वर्ष रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।

2.देवरी मंदिर

  • लगभग 700 वर्ष पुराना यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है।
  • यहाँ की मूर्ति में 16 भुजाएँ हैं — यह स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है।

3.योगदा सत्संग ध्यान मंदिर

  • परमहंस योगानंद द्वारा स्थापित यह ध्यान केंद्र आत्मिक शांति का स्थल है।
  • यहाँ नियमित ध्यान सत्र और योग शिविर आयोजित होते हैं।

राँची जिला (Ranchi district ) : पार्क और उद्यान

1 रॉक गार्डन

  • काँके डैम के पास स्थित यह गार्डन चट्टानों को तराश कर बनाया गया है।
  • यहाँ कृत्रिम झरना, मूर्तियाँ और बच्चों के लिए झूले हैं।

2..बिरसा जैविक उद्यान (Zoological Park)

  • ओरमांझी के पास स्थित यह पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए आदर्श है।
  • शेर, बाघ, हिरण, पक्षी और एक्वेरियम भी यहाँ मौजूद हैं।

3.. एक्वा वर्ल्ड

  • जलक्रीड़ा और मनोरंजन के लिए बना यह पार्क बच्चों और परिवारों के लिए लोकप्रिय है।
  • यहाँ स्लाइड्स, वेव पूल और फूड कोर्ट भी हैं।

4..फन कैसल

  • यह एक थीम पार्क है जहाँ झूले, वाटर राइड्स और गेम ज़ोन हैं।
  • स्कूल पिकनिक और पारिवारिक भ्रमण के लिए उपयुक्त स्थल।

राँची जिला (Ranchi district ) :  तालाब और झीलें

1.राँची झील

  • ब्रिटिश काल में निर्मित यह झील शहर के मध्य में स्थित है।
  • यहाँ नौकायन की सुविधा और शांत वातावरण उपलब्ध है।

2.काँके डैम

  • जलाशय के रूप में बना यह स्थल सूर्यास्त के समय अत्यंत सुंदर दिखता है।
  • पास में रॉक गार्डन और बोटिंग की सुविधा है।

राँची जिला (Ranchi district ) : प्रमुख औद्योगिक संस्थान स्थापना और विशेषता

प्रमुख उद्योग
• HEC हटिया
• ACC खलारी
• इंडियन अल्यूमिनियम लिमिटेड, मूरी
• गवर्नमेंट वैक्सीन इंस्टीट्यूट, राँची
• हाई टेंशन इंसुलेशन फैक्ट्री, नामकुम
• इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट फैक्ट्री, टाटीसिलवे
• इंडियन ऑक्सीजन लिमिटेड
• महालक्ष्मी फाइबर लिमिटेड, ओरमांझी
• नालंदा सेरामिक्स लिमिटेड
• उषा मार्टिन कंपनी, नामकुम
• उषा बेलट्रोन लिमिटेड, टाटीसिलवे
• हिंदपीढ़ी लाह फैक्ट्री, राँची

राँची क्षेत्र की प्रमुख औद्योगिक इकाइयाँ स्थापना वर्ष, स्थान और विशेषताएँ

झारखंड की राजधानी राँची, जहाँ एक ओर पहाड़ियाँ और जलप्रपात इसकी प्राकृतिक सुंदरता को सँवारते हैं, वहीं दूसरी ओर यहाँ की औद्योगिक इकाइयाँ राज्य की आर्थिक रीढ़ बनकर खड़ी हैं। ये कारखाने न केवल उत्पादन के केंद्र हैं, बल्कि तकनीकी नवाचार, रोजगार और सामाजिक परिवर्तन के वाहक भी हैं।

क्रमइकाई का नामस्थापना वर्षस्थानप्रमुख विशेषताएँ
1HEC हटिया (Heavy Engineering Corporation)1958हटिया, राँचीभारत की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनियों में से एक; स्टील, रक्षा, अंतरिक्ष और रेलवे के लिए भारी मशीनरी निर्माण
2ACC खलारी (Associated Cement Companies)1936खलारी, राँचीसीमेंट उत्पादन में अग्रणी; स्थानीय चूना पत्थर का उपयोग
3इंडियन अल्यूमिनियम लिमिटेड, मूरी (अब Hindalco)1948मूरी, राँचीएलुमिना रिफाइनरी; 450,000 TPA क्षमता; ESG और CSR में उत्कृष्टता
4गवर्नमेंट वैक्सीन इंस्टीट्यूट, राँची1925बरियातू, राँचीपशु चिकित्सा और मानव टीकों का उत्पादन; राज्य सरकार द्वारा संचालित
5हाई टेंशन इंसुलेशन फैक्ट्री, नामकुम1970 के दशकनामकुम, राँचीविद्युत उपकरणों के लिए इंसुलेशन सामग्री; ट्रांसफॉर्मर पार्ट्स
6इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट फैक्ट्री, टाटीसिलवे1980 के दशकटाटीसिलवे, राँचीविद्युत मोटर, जनरेटर, और पैनल निर्माण
7इंडियन ऑक्सीजन लिमिटेड1960 के दशकराँचीऔद्योगिक गैसों का उत्पादन; मेडिकल ऑक्सीजन सप्लाई
8महालक्ष्मी फाइबर लिमिटेड, ओरमांझी1990 के दशकओरमांझी, राँचीफाइबर और टेक्सटाइल उत्पाद; कृषि और निर्माण क्षेत्र में उपयोग
9नालंदा सेरामिक्स लिमिटेड1995राँचीसिरेमिक टाइल्स, पाइप और घरेलू उपयोग की वस्तुएँ
उषा मार्टिन कंपनी, नामकुम1961नामकुम, राँचीस्टील वायर रोप्स और इंजीनियरिंग उत्पादों में वैश्विक पहचान
1उषा बेलट्रोन लिमिटेड, टाटीसिलवे1986टाटीसिलवे, राँचीइलेक्ट्रॉनिक उपकरण, टेलीफोन केबल, और डिजिटल उत्पाद
1हिंदपीढ़ी लाह फैक्ट्री, राँची1950 के दशकहिंदपीढ़ी, राँचीलाह उत्पादन; आदिवासी हस्तशिल्प और निर्यात में योगदान

राँची जिला (Ranchi district ) :  प्रमुख औद्योगिक संस्थान – स्थापना और विशेषता

1.HEC हटिया (Heavy Engineering Corporation)

1958 में स्थापित यह भारत की सबसे बड़ी इंजीनियरिंग कंपनियों में से एक है। हटिया स्थित यह इकाई भारी मशीनरी, स्टील संयंत्रों, रेलवे और रक्षा उपकरणों के निर्माण में अग्रणी है। इसकी विशाल कार्यशालाएँ और अनुसंधान केंद्र राँची को तकनीकी राजधानी का दर्जा दिलाते हैं।

2.ACC खलारी (Associated Cement Companies)

1936 में स्थापित यह सीमेंट कारखाना खलारी क्षेत्र में स्थित है। यहाँ स्थानीय चूना पत्थर का उपयोग कर उच्च गुणवत्ता वाला सीमेंट तैयार किया जाता है। यह इकाई झारखंड के निर्माण कार्यों की नींव है।

3.इंडियन अल्यूमिनियम लिमिटेड, मूरी (Hindalco)

1948 में मूरी में स्थापित यह रिफाइनरी भारत की प्रमुख एलुमिना उत्पादन इकाइयों में से एक है। यहाँ से तैयार एलुमिना देशभर के एल्यूमिनियम संयंत्रों को आपूर्ति की जाती है।

4.गवर्नमेंट वैक्सीन इंस्टीट्यूट, राँची

1925 में बरियातू क्षेत्र में स्थापित यह संस्थान पशु चिकित्सा और मानव टीकों के निर्माण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। यह राज्य सरकार द्वारा संचालित है और सार्वजनिक स्वास्थ्य की रक्षा में अग्रणी है।

5.हाई टेंशन इंसुलेशन फैक्ट्री, नामकुम

1970 के दशक में स्थापित यह इकाई विद्युत उपकरणों के लिए इंसुलेशन सामग्री तैयार करती है। ट्रांसफॉर्मर और हाई वोल्टेज सिस्टम में इसका उपयोग होता है।

6.इलेक्ट्रिक इक्विपमेंट फैक्ट्री, टाटीसिलवे

1980 के दशक में शुरू हुई यह फैक्ट्री विद्युत मोटर, जनरेटर और पैनल निर्माण में सक्रिय है। यह राँची के विद्युत क्षेत्र को तकनीकी मजबूती प्रदान करती है।

7इंडियन ऑक्सीजन लिमिटेड

1960 के दशक में स्थापित यह इकाई औद्योगिक और मेडिकल ऑक्सीजन का उत्पादन करती है। अस्पतालों और उद्योगों में इसकी आपूर्ति जीवनदायिनी है।

8. महालक्ष्मी फाइबर लिमिटेड, ओरमांझी

1990 के दशक में शुरू हुई यह इकाई फाइबर और टेक्सटाइल उत्पादों का निर्माण करती है। कृषि और निर्माण क्षेत्र में इसके उत्पादों की माँग है।

9.नालंदा सेरामिक्स लिमिटेड

1995 में स्थापित यह इकाई सिरेमिक टाइल्स, पाइप और घरेलू उपयोग की वस्तुएँ तैयार करती है। यह राँची के शहरी विकास में योगदान देती है।

10.उषा मार्टिन कंपनी, नामकुम

1961 में स्थापित यह कंपनी स्टील वायर रोप्स और इंजीनियरिंग उत्पादों में वैश्विक पहचान रखती है। यह राँची को अंतरराष्ट्रीय औद्योगिक मानचित्र पर स्थापित करती है।

1 1.उषा बेलट्रोन लिमिटेड, टाटीसिलवे

1986 में शुरू हुई यह इकाई इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, टेलीफोन केबल और डिजिटल उत्पादों का निर्माण करती है। यह डिजिटल झारखंड की नींव है।

12. हिंदपीढ़ी लाह फैक्ट्री, राँची

1950 के दशक में स्थापित यह फैक्ट्री पारंपरिक लाह उत्पादन में संलग्न है। यह आदिवासी हस्तशिल्प को संरक्षित और प्रोत्साहित करती है।

राँची जिला (Ranchi district ) : प्रकृति, संस्कृति और अध्यात्म का संगम

राँची को “झरनों का शहर” कहा जाता है — यहाँ की पहाड़ियाँ, जलप्रपात, मंदिर और हरियाली इसे एक जीवंत सांस्कृतिक और प्राकृतिक स्थल बनाते हैं।

 प्रमुख जलप्रपात (Waterfalls)

1.हुण्डरू जलप्रपात

  • स्वर्णरेखा नदी पर स्थित, यह झरना लगभग 98 मीटर ऊँचाई से गिरता है।
  • मानसून के बाद इसका दृश्य अत्यंत मनमोहक होता है।
  • पास में ट्रेकिंग और पिकनिक की सुविधा भी है।

2.जोन्हा जलप्रपात (गौतमधारा)

  • गंगा और रारू नदियों के संगम से बना यह झरना 45 मीटर ऊँचाई से गिरता है।
  • पास में बौद्ध ध्यान केंद्र स्थित है, जिससे इसे आध्यात्मिक महत्व भी प्राप्त है।

3.दशम जलप्रपात

  • तैमरा गाँव के पास स्थित, यह झरना 144 फीट ऊँचाई से गिरता है।
  • यह स्वर्णरेखा की सहायक नदी पर स्थित है और हरियाली से घिरा हुआ है।

राँची जिला (Ranchi district ) : पहाड़ी स्थल और व्यू पॉइंट्स

1.टैगोर हिल

  • रवींद्रनाथ टैगोर के भाई ज्योतिंद्रनाथ टैगोर से जुड़ा यह स्थल राँची शहर का 360° दृश्य प्रदान करता है।
  • यहाँ ध्यान केंद्र और पुस्तकालय भी स्थित हैं।

2.राँची पहाड़ी (पहाड़ी मंदिर)

  • शिव मंदिर के लिए प्रसिद्ध यह स्थल राँची के मध्य में स्थित है।
  • स्वतंत्रता संग्राम के समय यहाँ तिरंगा फहराया गया था — यह स्थल देशभक्ति का प्रतीक भी है।

राँची जिला (Ranchi district ) : प्रमुख मंदिर

1जगन्नाथपुर मंदिर

  • पुरी के जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर बना यह मंदिर 1691 में निर्मित हुआ।
  • हर वर्ष रथ यात्रा में हजारों श्रद्धालु यहाँ आते हैं।

2.देवरी मंदिर

  • लगभग 700 वर्ष पुराना यह मंदिर माँ दुर्गा को समर्पित है।
  • यहाँ की मूर्ति में 16 भुजाएँ हैं — यह स्थापत्य कला का अद्भुत उदाहरण है।

3.योगदा सत्संग ध्यान मंदिर

  • परमहंस योगानंद द्वारा स्थापित यह ध्यान केंद्र आत्मिक शांति का स्थल है।
  • यहाँ नियमित ध्यान सत्र और योग शिविर आयोजित होते हैं।

राँची जिला (Ranchi district ) : पार्क और उद्यान

1.रॉक गार्डन

  • काँके डैम के पास स्थित यह गार्डन चट्टानों को तराश कर बनाया गया है।
  • यहाँ कृत्रिम झरना, मूर्तियाँ और बच्चों के लिए झूले हैं।

2. बिरसा जैविक उद्यान (Zoological Park)

  • ओरमांझी के पास स्थित यह पार्क वन्यजीव प्रेमियों के लिए आदर्श है।
  • शेर, बाघ, हिरण, पक्षी और एक्वेरियम भी यहाँ मौजूद हैं।

3.एक्वा वर्ल्ड

  • जलक्रीड़ा और मनोरंजन के लिए बना यह पार्क बच्चों और परिवारों के लिए लोकप्रिय है।
  • यहाँ स्लाइड्स, वेव पूल और फूड कोर्ट भी हैं।

4.फन कैसल

  • यह एक थीम पार्क है जहाँ झूले, वाटर राइड्स और गेम ज़ोन हैं।
  • स्कूल पिकनिक और पारिवारिक भ्रमण के लिए उपयुक्त स्थल।

राँची जिला (Ranchi district ) : तालाब और झीलें

1.राँची झील

  • ब्रिटिश काल में निर्मित यह झील शहर के मध्य में स्थित है।
  • यहाँ नौकायन की सुविधा और शांत वातावरण उपलब्ध है।

2.काँके डैम

  • जलाशय के रूप में बना यह स्थल सूर्यास्त के समय अत्यंत सुंदर दिखता है।
  • पास में रॉक गार्डन और बोटिंग की सुविधा है।

        आलेख -डॉ.आनंद किशोर दांगी 

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