भारतीय सविंधान में भारतीय जनता का सर्वांगीण विकास करने के लिए मौलिक अधिकार की व्यवस्था किया गया है यह भारतीय संविधान के भाग 3 के अनुच्छेद 12 से 35 कुल 23 अनुच्छेदों में व्यक्तियों के मौलिक अधिकार के संबंध में व्यापक उल्लेख किया गया है
मौलिक अधिकार का उदेश्य –
- एक एसी सरकार का गठन करना ,जिसका उदेश व्यक्तियों की हितो की रक्षा करना
- सरकार की शक्तियों को नियंत्रित करना ,जिस से सरकार नागरिको के स्वंत्रता के विरुद्ध अपनी शक्तियों का प्रयोग नही करे .
- सरकार नागरिको का विकास करना इत्यादि .
यदि सरकार जनता को प्रदत मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) को सरकार उलंघन करती है तो राज्य के विरुद्ध उपचार प्राप्त करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 32 के अधीन उच्चतम न्यायालय तथा अनुच्छेद 226 के अधीन उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल करने का अधिकार नागरिको को प्राप्त है .
भारतीय संविधान में 6 प्रकार के मौलिक अधिकार प्रदान किये गए है जो प्रकार है :-
क्र .सं | मौलिक अधिकार
(Fundamental Rights) | अनुच्छेद
(Articles) |
1 | समता का अधिकार | अनुच्छेद 14 से 18 |
2 | स्वतंत्रता का अधिकार | अनुच्छेद 19 से 22 |
3 | शोषण के विरुद्ध अधिकार | अनुच्छेद 23 ,24 |
4 | धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार | अनुच्छेद 25 से 28 |
5 | संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार | अनुच्छेद 29 से 31 |
6 | सांविधानिक उपचारों का अधिकार | अनुच्छेद 32 से 35 |
भाग 3
मूल अधिकार (Fundamental Rights)
(अनुच्छेद 12 से 35 तक )
अनुच्छेद 12 | राज्य की परिभाषा |
अनुच्छेद 13 | मूल अधिकारों का अल्पीकरण करने वाली विधियां (समता का अधिकार) |
अनुच्छेद 14 | विधि के समक्ष समता (समता का अधिकार) |
अनुच्छेद 15 | धर्म , मूलवंश , जाति , लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध (समता का अधिकार) |
अनुच्छेद 16 | लोक नियोजन के विषय में अवसर की समता (समता का अधिकार) |
अनुच्छेद 17 | अस्पृश्यता का अंत (समता का अधिकार) |
अनुच्छेद 18 | उपाधियों का अंत (समता का अधिकार) |
अनुच्छेद 19 | वाक् – स्वातंत्र्य आदि विषयक (स्वतंत्रता का अधिकार) |
अनुच्छेद 20 | अपराधों के लिए दोषसिद्धि के संबंध में संरक्षण (स्वतंत्रता का अधिकार) |
अनुच्छेद 21 | प्राण और वैहिक स्वतंत्रता का संरक्षण (स्वतंत्रता का अधिकार) |
अनुच्छेद 21 क | 6 से 14 वर्ष बालको का शिक्षा का अधिकार (स्वतंत्रता का अधिकार) |
अनुच्छेद 22 | कुछ दशाओं में गिरफ्तारी और निरोध से संरक्षण (स्वतंत्रता का अधिकार) |
अनुच्छेद 23 | मानव के दुर्व्यापार और बलात श्रम पर प्रतिषेध (शोषण के विरुद्ध अधिकार) |
अनुच्छेद 24 | कारखानों आदि में बालकों के नियोजन का प्रतिषेध (शोषण के विरुद्ध अधिकार) |
अनुच्छेद 25 | धर्म को अवाध रूप से मानने , आचरण करने और प्रचार करने की स्वतंत्रता
(धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार) |
अनुच्छेद 26 | धार्मिक कार्यों के प्रबंध की स्वतंत्रता (धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार) |
अनुच्छेद 27 | धर्म की अभिवृद्धि के लिए करों से छुट (धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार) |
अनुच्छेद 28. | कुछ शिक्षा संस्थाओं में धार्मिक शिक्षा या धार्मिक उपासना के संबंध में स्वतंत्रता
(धर्म की स्वतंत्रता का अधिकार) |
अनुच्छेद 29. | अल्पसंख्यक – वर्गों के हितों का संरक्षण (संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार) |
अनुच्छेद 30. | शिक्षा संस्थाओं की स्थापना और प्रशासन करने का अल्पसंख्यक वर्गों का अधिकार (संस्कृति और शिक्षा संबंधी अधिकार) |
अनुच्छेद 31. | संपत्ति का अनिवार्य अर्जन को संविधान से हटा दिया गया है |
अनुच्छेद 32. | मूल अधिकारों का यदि राज्य द्वारा उलंघन किया जय तो राज्य के विरुद्ध उच्चतम न्यालय में रिट याचिका दाखिल करने का अधिकार (सांविधानिक उपचारों का अधिकार) |
अनुच्छेद 33. | मूल अधिकारों को उपांतरण (मॉडिफिकेशन) करने की संसद की शक्ति (सांविधानिक उपचारों का अधिकार) |
अनुच्छेद 34. | जब किसी क्षेत्र में सेना विधि या मार्शल लॉ प्रवर्तन में हो, तब इस भाग द्वारा प्रदत्त अधिकारों पर संसद निर्वन्धन कर सकती है (सांविधानिक उपचारों का अधिकार) |
अनुच्छेद 35 | मूल अधिकारों को को प्रभावी करने के लिए विधान
(सांविधानिक उपचारों का अधिकार) |
मौलिक अधिकारों (Fundamental Rights) को प्रतिबन्ध भी लगाये जा सकते हैं। यदि देश में रास्ट्रीय आपातकाल घोषित हो गया है, तो अनुच्छेद 19 स्वतः समाप्त हो जाता है । इसके अलावा आवश्यकता पड़ने पर अनुच्छेद 20 और 21 को छोड़कर अन्य अधिकारों को भी समाप्त किया जा सकता है। संविधान के द्वारा अन्य अधिकारों को भी समाप्त किया जा सकता है। संविधान के द्वारा प्रदत्त मौलिक अधिकार में अनुच्छेद 15 , 16 , 19 , 29 , 30 से सम्बंध सभी अधिकार केवल देश के नागरिकों के लिए प्रदान किया गया है। इसके अलावा अन्य अनुच्छेद में वर्णित मौलिक अधिकार (Fundamental Rights) भारत में रहने वाले सभी लोगों को प्राप्त है ।
इसे भी पढ़े
भारतीय संविधान के अनुच्छेद
भारतीय सविंधान में भारतीय जनता को मौलिक अधिकार की व्यवस्था किस अनुच्छेद में किया गया है ?
अनुच्छेद 12 से 35 कुल 23 अनुच्छेदों में व्यक्तियों के मौलिक अधिकार के संबंध में व्यापक उल्लेख किया गया है
मौलिक अधिकार की व्यवस्था भारतीय सविंधान के किस भाग में किया गया है ?
भारतीय संविधान के भाग 3 के अनुच्छेद 12 से 35 कुल 23 अनुच्छेदों में व्यक्तियों के मौलिक अधिकार के संबंध में व्यापक उल्लेख किया गया है
भारतीय सविंधान में कितने प्रकार के मौलिक अधिकार प्रदान किये गए है
भारतीय संविधान में 6 प्रकार के मौलिक अधिकार प्रदान किये गए है
देश में रास्ट्रीय आपातकाल घोषित होने पर कौन अनुच्छेद स्वत: समाप्त हो जाता है
अनुच्छेद 19 स्वतः समाप्त हो जाता है
मौलिक अधिकार क्या है?
भारतीय सविंधान में भारतीय जनता का सर्वांगीण विकास करने के लिए मौलिक अधिकार की व्यवस्था किया गया है यह भारतीय संविधान के भाग 3 के अनुच्छेद 12 से 35 कुल 23 अनुच्छेदों में व्यक्तियों के मौलिक अधिकार के संबंध में व्यापक उल्लेख किया गया है
मौलिक अधिकार का उदेश्य क्या है?
एक एसी सरकार का गठन करना ,जिसका उदेश व्यक्तियों की हितो की रक्षा करना ,सरकार की शक्तियों को नियंत्रित करना जिस से सरकार नागरिको के स्वंत्रता के विरुद्ध अपनी शक्तियों का प्रयोग नही करे तथा सरकार नागरिको का विकास करना इत्यादि .
यदि मौलिक अधिकार का सरकार उलंघन करती है तो राज्य के विरुद्ध उपचार प्राप्त करने के लिए संविधान के किस अनुच्छेद के तहत न्यायालय में रिट दायर कर सकते है
सरकार मौलिक अधिकार का उलंघन करती है तो राज्य के विरुद्ध उपचार प्राप्त करने के लिए संविधान के अनुच्छेद 32 के अधीन उच्चतम न्यायालय तथा अनुच्छेद 226 के अधीन उच्च न्यायालय में रिट याचिका दाखिल करने का अधिकार नागरिको को प्राप्त है .