वृद्धावस्था में स्वस्थ कैसे  रहें | How to stay healthy in old age

वृद्धावस्था (old-age) मनुष्य जीवन का वह अवस्था है जहां स्वस्थ रहना एक चुनौती  है । नियमित नियमित व्यायाम और संयमित खानपान के द्वारा स्वस्थ रहा जा सकता है । इस अवस्था में व्यक्ति को स्वस्थ और तंदुरुस्त रहने के लिए स्वयं को सक्रिय रूप से व्यस्त रहना चाहिए। यह आंशिक रूप से अनुवांशिक विरासत पर निर्भर करता है कि हमारा बुढ़ापा  (old-age)कैसा होगा, किंतु अधिकांशतः हमारी क्रियाकलाप और  आहार पर निर्भर करता है । स्वस्थ  वृद्धावस्था (old-age)के लिए कुछ सुझाव दिए गए हैं जिसका अनुपालन कर स्वस्थ जीवन यापन किया जा सकता है जो इस प्रकार है-

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वृद्धावस्था (old age)

वृद्धावस्था में  (old-age) व्यायाम

वृद्धावस्था (old-age) में नियमित व्यायाम करना चाहिए यदि नियमित संभव नहीं हो पता हो तो सप्ताह में से 4 से 5 दिन  कम से कम 30 मिनट के लिए व्यायाम जरूर करना चाहिए।  नये खेल या शारीरिक गतिविधि के लिए उम्र कोई बाधा नहीं है। आपकी उम्र या स्थिति से कोई फर्क नहीं पड़ता, ऐसी शारीरिक गतिविधि चुनें जो आपके लिए सही हो। यदि आप वर्तमान में कोई व्यायाम नहीं कर रहे हैं तो धीरे-धीरे शुरु करें और फिर इस प्रकार इसे बढ़ाएं कि आपके शरीर को धीरे-धीरे इसकी आदत हो जाए। इस अवस्था में व्यायाम के विभिन्न तरीके को ढूंढा जा सकता है , जो आपको अच्छा लगता है।

वृद्धावस्था में  (old-age) घूमना

वृद्धावस्था (old-age) में स्वस्थ रहने का एक अच्छा तरीका है की सुबह शाम यदि सुबह शाम संभव नहीं हो पता है तो कोई एक समय निर्मित घूमना चाहिए जिसे कई लाभ होते हैं-

  •  फिटनेस में सुधार।
  •  वजन को नियंत्रित करने में मदद।
  • मधुमेह रोगियों में रक्त शर्करा पर नियंत्रण।
  •  लोगों से मिलने का अवसर प्राप्त होना।
  •  चिंता और अवसाद में कमी होना।

वृद्धावस्था(old-age)में व्यायाम के लिए कुछ सावधानियां अपनानी चाहिए

  • कभी भी जरूरत से ज्यादा व्यायाम न करें ।
  • यदि आपको हृदय और फेफड़े की कोई गंभीर बीमारी है और चलने में दिक्कत है, तो  डॉक्टर से परामर्श के बाद ही व्यायाम करें।
  • सुबह-सुबह खुले में व्यायाम करने से शरीर को धूप लगती है, जिससे रात में नींद अच्छी आती है तथा आपकी हड्डियों को विटामिन डी मिलता है।
  • प्रतिदिन जरूर हंसें क्योंकि हंसी एक बेहतरीन दवा है।

वृद्धावस्था(old-age) में योग

वृद्धावस्था (old-age) में योग की क्रिया सर्वोत्तम मानी जाती है शरीर के क्रियाकलाप एवं बीमारियों से नियंत्रित करने में योग महत्वपूर्ण है । बिरधा अवस्था में नियमित योगा करना चाहिए । इसके महत्वपूर्ण लाभ देखे जा सकते हैं-

  • योग शारीरिक क्रियाकलाप प्रारंभ करने के लिए बहुत बढ़िया है।
  • इसकी सहज स्ट्रेचिंग से मांसपेशियों में दर्द, तनाव और अकड़न से मुक्ति मिलती है।
  • योग आपके सिस्टम को डीटॉक्सिफाई करके महत्वपूर्ण अंगों तक रक्त की आपूर्ति में सुधार लाता है।
  • ‘प्राणायाम’ का वृद्धावस्था में विशेष महत्व है क्योंकि यह शरीर के ऊतकों के ऑक्सीकरण को बढ़ाता है।
  • योग के साथ-साथ ध्यान से मन और शरीर के बीच सामंजस्यपूर्ण संतुलन हासिल करने में मदद मिलती है।

वृद्धावस्था(old-age) में योग करने के लिए कुछ सावधानियां अपनानी चाहिए-

चलने में दिक्कत महसूस करने वाले बुजुर्ग, हृदय और फेफड़े की बीमारी वाले बुजुर्ग को प्रशिक्षित योग शिक्षकों के परामर्श से योग करनी चाहिए

वृद्धावस्था(old-age) में यात्रा

वृद्धावस्था (old-age) में अवसाद या चिंता से मुक्त रहने का एक अच्छा साधन है पर्यटक स्थलों का भ्रमण के धार्मिक स्थलों का भ्रमण या अन्य गतिविधियों में भाग  लेना चाहिए । यात्रा आप ऐसी जगह कर सकते हैं जहां आप हमेशा जाना चाहते हैं । वरिष्ठ नागरिक मां जिसे कई संगठन काम करते हैं ऐसे संगठनों के संस्थानों में भ्रमण करना चाहिए और इसका लाभ उठाना चाहिए । है

वृद्धावस्था(old-age) में खेल

वृद्धावस्था (old-age) में अपनी रूचि के अनुसार बैडमिंटन, टेनिस, गोल्फ या कोई अन्य आउटडोर खेल अच्छे व्यायाम हैं।ये मनोरंजक होते हैं। इससे आपको दूसरे लोगों से मिलने तथा मेलजोल बढ़ाने का अवसर भी मिलता है।

वृद्धावस्था(old-age)कला और शिल्प

यदि आप बुनाई, चित्रकारी, लकड़ी का काम आदि जानते हैं, तो आप उस कार्य में अपनी रूचि को फिर से शुरू कर सकते हैं। इससे आप अपने को अधिक प्रासंगिक और उपयोगी अनुभव करेंगे। आप सामान्य घरेलू कार्यों में भी अपने आपको व्यस्त रख सकते हैं।

वृद्धावस्था (old-age) में धूम्रपान जैसे आदत को छोड़नी चाहिए

धूम्रपान किसी भी उम्र के लिए स्वास्थ्य हानिकारक है । यदि आप लंबे समय से धूम्रपान करते आ रहे हैं वृद्धा अवस्था में आने के उपरांत किस त्याग देना अच्छा और लाभदायी होता है।धूम्रपान करने वाले अधिक उम्र के व्यस्कों को हृदय रोग, अस्थमा और ब्रोंकाइटिस, कैंसर और न्यूमोनिया जैसी बुढ़ापे की आम बीमारियों में ज्यादा दिक्कत होती है।

धूम्रपान छोड़ने से व्यक्ति दीर्घायु और अधिक स्वस्थ रहता है। आपका श्वसन आसान हो जाएगा, आपका हृदय बेहतर काम करेगा और आपको ऐसी बिमारियाँ होने का खतरा कम काम हो जाएगा धूम्रपान छोड़ना  एक कठिन काम है । किंतु ऐसा नहीं है कि इसे नहीं छोड़ा जा सकता है। इसके लिए व्यक्तिगत निश्चय, परामर्श और निकोटिन जैसी दवाओं का उपयोग इसे दूर रहा जा सकता है ।

अतः उपरोक्त बताएंगे नियम का अनुपालन करने से वृद्धावस्था (old-age) स्वस्थमय जीवन व्यतीत कर सकते हैं

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