SRI MADBHAGVAT GITA ,CHAPTER 06-34

चञ्चलं हि मनः कृष्ण प्रमाथि बलवहुढम् ।  तस्याहं निग्रहं मन्ये वायोरिव सुदुष्करम् ॥

Chanchalam hi manah krishna pramathi balavahudham.  Tasyaham nigraham manye vayoriv sudushkaram  34

हे कृष्ण ! चूँकि मन चंचल ( अस्थिर ) ,

उच्छृंखल , हठीला तथा अत्यन्त बलवान है

अत : मुझे इसे वश में करना वायु को वश में करने से भी अधिक कठिन लगता है ।

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https://youtu.be/FxrLXtVfXjA